एक खबर आई थी कि कथित फर्जी आवेदनों में बढ़ोतरी के बीच ऑस्ट्रेलिया के पांच विश्वविद्यालयों ने भारत के कुछ राज्यों के छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें से एक ऑस्ट्रेलिया के वोलोंगोंग विश्वविद्यालय (UOW) ने गुरुवार को साफ कर दिया कि भारतीय छात्रों के आवेदनों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। विश्वविद्यालय ने साफ किया कि न ही किसी खास भारतीय राज्यों या खास क्षेत्र के छात्रों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध लगाया गया है। यूओडब्ल्यू की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रवेश मानदंड जो सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर लागू होते हैं और ऑस्ट्रेलियाई गृह मामलों के विभाग की जरूरतों के अलावा भारत से छात्रों के आवेदन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
The University of Wollongong denied allegations that it, along with four other Australian universities, had placed restrictions on Indian students from certain states due to fraudulent visa applications. https://t.co/sPf57fs1eR #iwk #indianweekender #kiwiindians #students
— Indian Weekender (@indianweekender) April 21, 2023
यूओडब्ल्यू का कहना है कि सभी ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों की तरह यूओडब्ल्यू के सभी छात्रों के लिए कठोर प्रवेश मानदंड हैं। सभी ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों को धोखाधड़ी वाले आवेदनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए। विश्वविद्यालय का कहना है कि वह नामांकन में होने वाली धोखाधड़ी के रुझानों की निगरानी करता है। नियमित रूप से प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाती है। यह सुनिश्चित करने के लिए वह गृह मामलों के विभाग के साथ मिलकर काम करता है। यूओडब्ल्यू का लगभग 30 भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग है। दुबई स्थित वोलोंगोंग परिसर और यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोंगोंग में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। इस साल में अब तक 2,500 से अधिक भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में यूओडब्ल्यू में पढ़ रहे हैं।

दरअसल मंगलवार को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में ये बात सामने आई थी कि ऑस्ट्रेलिया के पांच विश्वविद्यालय भारत में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों के छात्रों को दाखिला देना कठिन बना रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों को संदेह है कि इनमें कई फर्जी आवेदन होते हैं। ऐसे में इनका मुख्य उद्देश्य पढ़ाई की जगह नौकरी करना होता है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि छात्रों की संख्या में मौजूदा वृद्धि से ऑस्ट्रेलिया की आव्रजन प्रणाली और शिक्षा बाजार पर संभावित दीर्घकालिक प्रभाव को लेकर सांसदों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने चिंता जताई है। शिक्षाविदों का कहना है कि फर्जी छात्रों की संख्या भी बढ़ी है। इसके बाद विक्टोरिया विश्वविद्यालय, एडिथ कोवान विश्वविद्यालय, वोलोंगोंग विश्वविद्यालय, टॉरेंस विश्वविद्यालय और साउथ क्रॉस विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय छात्रों के आवेदनों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की बात सामने आई थी।