ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, भारत के राष्ट्रीय ध्वज को जलाने और भारतीय प्रवासियों पर हमला करने वाले उपद्रवियों की तस्वीरें सार्वजनिक की हैं। भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस ने 29 जनवरी को विक्टोरिया के फेडरेशन स्क्वायर पर अलग देश खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह करवाया था। इस दौरान संगठन के समर्थकों ने उपद्रव भी किया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की थी।
Police are appealing for public assistance as they continue to investigate an affray at the Khalistan Referendum at Federation Square on 29 Jan.
— Victoria Police (@VictoriaPolice) March 20, 2023
Police have released images of six men they believe may be able to assist with their enquires.
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विक्टोरिया पुलिस ने छह लोगों की तस्वीरें जारी की हैं जिनके बारे में उनका मानना है कि वे पूछताछ में मदद कर सकते हैं। विक्टोरिया पुलिस ने एक ट्वीट में कहा है कि 29 जनवरी को फेडरेशन स्क्वायर पर खालिस्तानी रेफरेंडम के दौरान हुए झगड़े की जांच जारी रखते हुए पुलिस सार्वजनिक सहायता के लिए अपील कर रही है। पुलिस ने छह लोगों की तस्वीरें जारी की हैं। हमारा मानना है कि वे पूछताछ में मदद कर सकते हैं।
पुलिस ने कहा कि 29 जनवरी को फेडरेशन स्क्वायर में खालिस्तान जनमत संग्रह के दौरान वह मौजूद थी। उस दिन एक घटना लगभग 12.45 बजे और दूसरी लगभग 4.30 बजे घटी। दोनों घटनाओं के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की थी। घटना के वक्त कई लोगों ने झंडे के डंडों का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया था।
इस हमले में कई लोगों को शारीरिक चोटें आईं। एक पीड़ित के सिर पर तो दूसरे के हाथ पर चोट लगी थी। दोनों का घटनास्थल पर इलाज करवाया गया था। इतना ही नहीं एक समूह द्वारा भारतीय झंडा भी जला दिया गया था। स्प्रे का भी इस्तेमाल किया था। विक्टोरिया पुलिस का दावा है कि दो आरोपियों को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।
बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीस के सामने भारतीय प्रवासी और हिंदू समुदाय पर इस तरह के हमलों को लेकर चिंता जताई थी। बीते कुछ महीनों में खालिस्तानी समर्थकों के हमले तेजी से बढ़े हैं।
इसी के बाद भारत के राज्य पंजाब में पुलिस ने स्वयंभू खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पर शिकंजा कस दिया है। उसके लगभग 78 साथियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह बात सामने आई है कि ये पाकिस्तान के इशारे पर भारत विरोधी अभियान चला रहे हैं।