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ऑस्ट्रेलिया में बैसाखी समारोह में खालिस्तानियों का उत्पात, देखती रही पुलिस

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में बैसाखी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत मनीष गुप्ता मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में खालिस्तानी समर्थकों ने आकर हंगामा किया और धमकियां दीं। यह तब है, जब ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को दे चुके हैं।

एडिलेड में आयोजित बैसाखी पर्व समारोह में खालिस्तानी समर्थकों ने खलल डाला। 

विदेशी जमीन पर खालिस्तानी समर्थकों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय प्रवासियों के प्रति हिंसा करने के अलावा अब खालिस्तानी समर्थक उनके कार्यक्रमों में भी खलल डाल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में शनिवार को बैसाखी पर्व के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के महावाणिज्य दूत मनीष गुप्ता मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में खालिस्तानी समर्थकों ने आकर हंगामा किया और आयोजक को धमकियां दीं। यह तब है, जब ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री भारतीयों की सुरक्षा का आश्वासन भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को दे चुके हैं।

यह कार्यक्रम पंजाब ऑस्ट्रेलियाई एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का संचालन हिंदू सिख हरमीत कौर कर रही थीं जिन्होंने पुलिस से संपर्क किया लेकिन आरोप है कि पुलिस ने कुछ भी एक्शन लेने से मना कर दिया। पुलिस ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि यह एक शांतिप्रिय प्रदर्शन था। हिंसा जब तक नहीं होगी, तब तक वे कुछ नहीं कर सकते।

हरमीत कौर ने दावा किया कि यह शांतिपूर्ण विरोध नहीं था। खालिस्तानी समर्थकों ने हमारे माइक और स्पीकर छीन लिए और वे उसके जरिए अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। इसके अलावा वे कार्यक्रम में शामिल लोगों को धमकी देने के साथ-साथ वापस जाने के लिए कहने लगे।

कौर ने बताया कि यह निराशाजनक बात है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी सुरक्षा देने में नाकामयाब हो रही है। कौर ने बताया कि उनके ऊपर भी शारीरिक तौर पर हमला किया गया था। पुलिस मूकदर्शक बनकर खालिस्तानियों का उपद्रव देखती रही।

बता दें कि खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बाद से ही भारत के बाहर खालिस्तानी समर्थक आए दिन आंदोलन कर रहे हैं। मार्च में खालिस्तानियों ने यूके में उच्चायोग पर हिंसक प्रदर्शन करने के अलावा तिरंगे का अपमान भी किया था। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में महावाणिज्य दूतावास पर भी तोड़फोड़ की थी।

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