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UNSC में 26/11 का जिक्र कर भारत बोला, आतंक के खिलाफ बे-रहम नीति जरूरी

रुचिरा कंबोज ने कहा कि चाहे मुंबई हो या मोसुल, भारत का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी सम्मिलित लड़ाई को तभी मजबूत किया जा सकता है, जब हम आतंकियों की अमानवीय हरकतों की जिम्मेदारी तय करें और उन्हें सहयोग, समर्थन और वित्तीय मदद देने वालों पर शिकंजा कसें।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने एक बार फिर से आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि और दिसंबर महीने के लिए भारत की तरफ से सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष रुचिरा कंबोज ने इस दौरान 2008 के मुंबई हमले (26/11) का भी जिक्र किया और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का आह्वान किया।

सुरक्षा परिषद में इराक पर चर्चा के दौरान कंबोज ने कहा कि इराक में सरकार और नागरिक आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (ISIL) से लड़ रहे हैं। आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है। वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ हमारी ये लड़ाई बहुत अहम है। तेजी से बढ़ते आतंकवाद के खतरे से दुनिया का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं है।

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