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दंगा पीड़ित सिख परिवारों के सदस्यों को हेल्थ व एजुकेशन में सहायता

संस्था के संस्थापक सरदार इंदर प्रीत सिंह ने बताया कि 1984 में दिल्ली, पंजाब, कानपुर, जबलपुर, बोकारो और भारत के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या व उनके परिवारों के साथ अमानवीय कृत्य किए गए थे। अब उन्हें हेल्थकेयर व शिक्षा प्रदान की जा रही है।

दंगों में हजारोंसिखों की हत्या कर दी गई थी। सभी फोटो: NIA

भारत में वर्ष 1984 के अक्टूबर माह में सिख विरोधी दंगे हुए थे, जिसमें हजारों सिख महिला, पुरुष व बच्चों को जलाकर मार दिया गया था। दंगों में पीड़ित परिवार इतने सालों के बाद भी न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। विडंबना यह है कि दंगों के आरोपी अभी भी खुले घूम रहे हैं। अब दंगों के पीड़ित परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं देने व उनको समुचित शिक्षा दिलाने की एक पहल की गई है। ऐसे जरूरतमंद लोगों को विशेष अस्पतालों व शिक्षा संस्थानों से फीस में राहत तो दिलाई ही जाएगी, साथ ही उन्हें वजीफा आदि दिलाने का प्रयास भी किया जाएगा।

सिख विरोधी दंगे इसलिए हुए थे, क्योंकि उस साल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख सुरक्षा गार्डों ने ही हत्या कर दी थी। जिसके बाद नई दिल्ली में दंगे शुरू हो गए, इसके अलावा कुछ अन्य शहरों में भी दंगों की आंच पहुंच गई थी। इन दंगों के जख्म से उबर रहे लेकिन आर्थिक संकट झेल रहे पीड़ितों को जाने माने संगठन ग्लोबल मिडास फाउंडेशन (GMF) ने इन दंगा पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए पूरे भारत में स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा लंगर सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। संस्था के संस्थापक सरदार इंदर प्रीत सिंह ने बताया कि 1984 में दिल्ली, पंजाब, कानपुर, जबलपुर, बोकारो और भारत के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर सिखों की हत्या व उनके परिवारों के साथ अमानवीय कृत्य किए गए थे। अब संगठन की ओर से उन्हें राहत देने के लिए हेल्थकेयर व शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

दंगा पीड़ित परिवार आज भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के तहत संगठन ने अरिहंत अस्पताल, देहरादून उत्तराखंड के साथ सहयोग बनाया है, जिसके तहत GMF और अरिहंत अस्पताल द्वारा संयुक्त रूप से मुफ्त हेल्थकेयर कार्ड प्रदान किया जा रहा है। इस कार्ड के जरिए टेस्ट, उपचार, सर्जरी आदि पर 50% तक छूट दी जाएगी। कैंसर देखभाल, नशीली दवाओं से छुटकारा, हार्ट सर्जरी जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं और किडनी प्रत्यारोपण और डायलिसिस पर भी 20% तक की छूट मिलेगी।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि शिक्षा सुविधा के लिए संगठन ने देव भूमि एजुकेशनल सोसाइटी, देहरादून उत्तराखंड द्वारा प्रबंधित मिनर्वा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के साथ मिलाया है, जिसके तहत प्रस्तावित सभी डिग्री पाठ्यक्रमों पर पूरे सेशन की सेमेस्टर शुल्क की 30% छात्रवृत्ति और सभी प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों पर शुल्क की 20% छात्रवृत्ति भी पूरे भारत में प्रदान की जाएगी । इन सुविधाओं को पाने वाले लोगों का स्वास्थ्य कार्ड जीएमएफ फेसबुक पेज व हेल्पलाइन नंबर पर बनाया जा रहा है।

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