संतोष
चीन ने एक बार फिर से अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवादित कदम उठाते हुए भारत के तीन खिलाड़ियों को अपने हांगझाउ प्रांत में होने वाले 19वें एशियन गेम्स के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया है। यह कहा जा रहा है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को अपना ही क्षेत्र करार देते हुए कहा कि वह अपने नागरिकों के लिए वीजा जारी नहीं करता है।
चीन के इस कदम को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए अपना विरोध भी दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने जहां इसे खेल और एशियन गेम्स की भावना के खिलाफ बताते हुए खिलाड़ियों को लक्षित और पूर्व निर्धारित तरीके से वंचित करने का कृत्य करार देते हुए इसका विरोध किया है, वहीं पूर्व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन के इस कदम का विरोध करते हुए अपनी चीन की पूर्व निर्धारित यात्रा को रद्द कर दिया है। उनके इस कदम को भरत की ओर से चीन को दिया गया बड़ा संदेश माना जा रहा है। विदेश नीति में माना जाता है कि अगर कोई मंत्री किसी देश की पूर्व निर्धारित यात्रा को रद्द करता है तो यह उस देश की ओर से सबसे बड़ी प्रतिक्रिया होती है, जो यह बताता है कि संबंधित देश को लेकर यात्रा रद्द करने वाले मंत्री का देश कितना तीव्र विरोध जाहिर कर रहा है।
Our response to media queries on some Indian sportspersons being denied entry into 19th Asian Games:https://t.co/wtoQA8zaDH pic.twitter.com/cACRspcQkD
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 22, 2023
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और अतिरिक्त सचिव अरिंदम बागची ने चीन की इस हरकत को एशियन गेम्स की भावना के खिलाफ करार दिया है। जिन खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया गया है, वे सभी वुशु खेल से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने इन खिलाड़ियों को 19वें एशियन गेम्स से लक्षित और निर्धारित तरीके से वंचित कर इस खेल की भावना के खिलाफ कार्य किया है। इन खिलाड़ियों को मान्यता और प्रवेश से वंचित करने संबंधी चीन की हरकत और भेदभाव को भारत पूरी तरह से अस्वीकार करता है। अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और आगे भी बना रहेगा।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चीन के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि चीन को यह समझ जाना चाहिए कि इस मामले में उसकी चालबाजी नहीं चलेगी। जब रिजिजू खेल मंत्री थे तब चीन ने स्वयं उनको भी वीजा नहीं दिया था। वह एक खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने चीन जाना चाहते थे। लेकिन चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश उनका ही हिस्सा है। ऐसे में वह रिजिजू को वीजा नहीं दे सकता है। रिजिजू ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा। चीन को यह समझना होगा कि अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं है। यह भारत का एक प्रमुख और अहम हिस्सा है। अरुणाचल प्रदेश के सभी लोग यहां के भूभाग या लोगों पर चीन के किसी भी अवैध दावे का मजबूती से विरोध करते हैं।
रिजिजू ने कहा कि इंटरनैशनल ओलिंपिक कमिटी को चीन के इस अवैध कदम पर कार्रवाई करनी चाहिए। रिजिजू ने यह भी कहा कि चीन का यह कदम खेल भावना के खिलाफ होने के साथ ही एशियन गेम्स के नियमों और आचार संहिता के भी विरूद्ध है। यह खेल किसी भी सदस्य देश के प्रतिभागियों में भेदभाव को प्रतिबंधित करता है। अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र नहीं है बल्कि भारत का अभिन्न हिस्सा है।