अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है और वहां स्थितियां लगातार बिगड़ रही हैं। हजारों लोग किसी भी हाल में देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं। महिलाओं को लेकर सबसे ज्यादा भय का माहौल है। पाकिस्तान और चीन जैसे देश तालिबान का समर्थन करते नजर आ रहे हैं और यह दिखावा कर रहे हैं कि अफगानी लोगों को 'स्थिरता' मिल गई है। यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने "गुलामी" (अमेरिकियों से) के अंत का स्वागत किया है। इमरान खान यह भी भूल गए कि उनके खुद के देश की स्थिति ठीक नहीं है।
कहा जाता है कि इतिहास हमेशा भविष्य के लिए एक सबक होता है। हालांकि वियतनाम और इराक में नुकसान झेलने के बाद भी संयुक्त राज्य अमेरिका ने इतिहास से सबक नहीं लिया। टैक्सपेयर्स के अरबों रुपये को एक मायावी लक्ष्य का पीछा करने के लिए फेंकना सही नहीं है। खासतौर से मंदी के अंतिम चरण में ऐसा करना बिलकुल ठीक नहीं है।