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'अमृतपाल सिंह' समेत 3 सिख चरमपंथी गिरफ्तार, सेना की मदद से इस देश ने पकड़े

फिलीपीन ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड कोऑर्डिनेटिंग सेंटर (CICC) और मिलिट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के अधिकारियों ने एक संयुक्त अभियान चलाकर फिलीपीन के शहर इलोइलो से इन्हें गिरफ्तार किया है।

इंटरपोल की रेड नोटिस वॉचलिस्ट में शामिल एक सिख चरमपंथी समूह के तीन संदिग्ध सदस्यों को फिलीपीन सरकार की एजेंसियों ने एक संयुक्त अभियान चलाकर गिरफ्तार किया है। फिलीपीन ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड कोऑर्डिनेटिंग सेंटर (CICC) और मिलिट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के अधिकारियों ने इन्हें फिलीपीन के इलोइलो शहर से गिरफ्तार किया। तीनों सदस्य भारतीय नागरिक हैं और इनकी उम्र 20 वर्ष के आसपास है।

संदिग्धों की पहचान 23 साल के मनप्रीत सिंह, 24 वर्षीय अमृतपाल सिंह और 26 वर्षीय अर्शदीप सिंह के रूप में हुई है।

कट्टरपंथी संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच यह खुलासा हुआ है। CICC के कार्यकारी निदेशक अलेक्जेंडर रामोस ने बताया कि भारी हथियारों से लैस सैनिकों ने 7 मार्च को डोअन शहर के एक अपार्टमेंट पर धावा बोलकर तीन उग्रवादियों को पकड़ा था। तीनों में से किसी ने भी सैनिकों का विरोध करने की कोशिश नहीं की। संदिग्धों की पहचान 23 साल के मनप्रीत सिंह, 24 वर्षीय अमृतपाल सिंह और 26 वर्षीय अर्शदीप सिंह के रूप में हुई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से ताल्लुक रखते हैं। तीनों संदिग्ध इंटरपोल की रेड नोटिस वॉचलिस्ट में भी हैं। इन्होंने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करके फिलीपीन में प्रवेश किया था। अब इन्हें हत्या समेत भारत के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 2001 के उल्लंघन के आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

इन तीनों की जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF) से कथित संबंधों की भी जांच की जा रही है। JKGF एक आतंकवादी समूह है जिसे भारत सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर रखा है। JKGF जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

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