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अमृत महोत्सव यानी भारतीय अर्थव्यवस्था का अमृत काल

अनुमान है कि 2047 में भारत की प्रति व्यक्ति आय लगभग 10,000 अमेरिकी डॉलर होगी। अर्थव्यवस्था का कुल आकार 20 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि अपेक्षाकृत रूढ़िवादी आंकड़े के साथ भी अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

भारत ने हाल ही में अपनी आजादी के 75 वर्षों का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया है। आजादी के इस अमृत महोत्सव का कालखंड अगले 25 वर्षों यानी 2047 तक फैला हुआ है। तब भारत की आजादी के 100 साल पूरे हो जाएंगे। 2023 का भारत 1947 के भारत से अलग है। और 2047 का भारत 2023 के भारत से कई मायनों में जुदा होगा। इस बारे में कुछ ही लोग अंदाजा लगा सकते हैं या उस तरह की तस्वीर खींच सकते हैं।

अतीत में झांकने की कोशिश की जाए तो कितने लोगों ने अंदाजा लगाया होगा कि भारत में बीते 25 वर्षों में क्या बदलाव आएंगे। बेशक, दुनिया अनिश्चित है और सुदूर भविष्य के बारे में तो कतई नहीं कहा जा सकता। कुछ बाहरी झटके हैं जो भारत पर थोपे गए हैं। इस तरह के खतरे कई उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर हैं जो वैश्विक सार्वजनिक सामान प्रदान करने वाले संस्थानों के पतन को रेखांकित करते हैं। इनमें ब्रेटन वुड्स शामिल हैं। पर इतना तो कहा ही जा सकता है कि विश्व सत्ताओं ने अभी भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के उदय को स्वीकार नहीं किया है।

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