Skip to content

भारत में अपना टावर बिजनेस बेचने की तैयारी में अमेरिका की ये कंपनी

एटीसी इंडिया टावरों और उन्हें किराए पर देने के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्वतंत्र दूरसंचार टावर कंपनी है। सभी दूरसंचार सर्किल में इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। कंपनी ने बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कई टावरों का अधिग्रहण भी किया था।

एटीसी टावर और उन्हें किराए पर देने के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। Photo by VD Photography / Unsplash

अमेरिका की दूरसंचार टावर कंपनी अमेरिकन टावर्स कॉरपोरेशन (एटीसी) घाटे में चल रहा अपना भारतीय बिजनेस बेचने जा रही है। सूत्रों के हवाले से आई खबरों में दावा किया गया है कि कंपनी करीब 2.2 अरब डॉलर (180 करोड़ रुपये) में अपना बिजनेस बेचने के करीब है।

रिपोर्ट्स का कहना है कि एटीसी का भारतीय बिजनेस खरीदने की दौड़ में आई स्क्वायर्ट कैपिटल सबसे आगे है। ये अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी वाली इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है।

एटीसी पिछले कुछ वर्षों से लगातार नुकसान उठा रही है। सितंबर तिमाही में एटीसी ने अपने भारतीय कारोबार से जुड़े गुडविल इम्पेयरमेंट चार्ज में 32.2 करोड़ डॉलर दर्ज किए थे।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया था कि आंतरिक हानि समीक्षा विश्लेषण, रियायती नकदी प्रवाह और पूंजी लागत के आधार पर भारतीय परिचालन की बुक वैल्यू करीब 2.2 अरब डॉलर है।

एटीसी इंडिया टावरों और उन्हें किराए पर देने के मामले में भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्वतंत्र दूरसंचार टावर कंपनी है। सभी दूरसंचार सर्किल में इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। कंपनी ने बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कई टावरों का अधिग्रहण भी किया था।

एटीसी इंडिया के पास 77 हजार से अधिक साइटें हैं। दूरसंचार टावर बाजार में उसकी लगभग 17 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वोडाफोन इंडिया से भुगतान में देरी की वजह से कंपनी की माली हालत बिगड़ गई है।

Comments

Latest