एक अमेरिकी सिख संगठन ने न्यूयॉर्क गुरुद्वारे की यात्रा के दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू के साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा की है और धार्मिक संस्था के प्रबंधन से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। घटना पिछले सप्ताह की है।
सोमवार को जारी एक बयान में सिख संगठन (सिख्स ऑफ अमेरिका) ने कहा कि गुरुद्वारे पूजा स्थल हैं और इन्हे व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों से मुक्त होना चाहिए। श्री संधू ने गुरुपर्व के अवसर पर रविवार को न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में हिक्सविले गुरुद्वारे में प्रार्थना की थी।
सोशल मीडिया पर जारी घटना के वीडियो के अनुसार गुरुद्वारे में खालिस्तानी समर्थकों के एक समूह ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और इस साल जून में कनाडा में मारे गए खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर के बारे में सवाल किए। इसके बाद सिख समुदाय के सदस्यों ने उपद्रवियों को बाहर निकाला।
सिख संगठन के संस्थापक-चेयरमैन जसदीप सिंह जस्सी और प्रेसिडेंट कंवलजीत सिंह सोनी ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि हम गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन से इन उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं ताकि न्यूयॉर्क में शांतिप्रिय सिख समुदाय बिना किसी डर या दबाव के स्वतंत्र रूप से गुरुद्वारों में आ सके।
वक्तव्य में कहा गया है कि राजदूत संधू गुरुद्वारा साहिब में प्रार्थना करने गए थे और गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधन ने उन्हें सरोपा साहिब से सम्मानित किया था। उसके बाद मुट्ठी भर उपद्रवियों ने उनका अपमान करने की कोशिश की और गुरुद्वारा साहिब की शांति और पवित्रता को भंग किया। गुरुद्वारे पूजा स्थल हैं और उन्हें व्यक्तिगत राजनीतिक विचारों से मुक्त होना चाहिए। हमारी मांग है कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।