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भारत में अमेरिकी मिशन ने वीजा को लेकर पार किया यह जादुई आंकड़ा

पिछले साल 12 लाख से अधिक भारतीयों ने संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया था। अब दुनिया भर में सभी वीजा आवेदकों में से 10 प्रतिशत से अधिक भारतीय हैं। वहीं छात्र वीजा में भारतीयों का हिस्सा 20 प्रतिशत हो चुका है। H & L श्रेणी के वीजा आवेदकों में यह 65 प्रतिशत है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजदूत एरिक गार्सेटी। फोटो: NIA

भारत में अमेरिकी मिशन ने गुरुवार को इस साल दस लाख गैर-आप्रवासी वीजा आवेदनों को संसाधित करने के अपने लक्ष्य को पार कर लिया। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने व्यक्तिगत रूप से एक जोड़े को वीजा सौंपा, जिसके बाद यह संख्या 10 लाख हो गई। यह जोड़ा MIT में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहे अपने बेटे से मिलने के लिए अमेरिका आएगा।

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत के साथ हमारी साझेदारी सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक होने के साथ-साथ दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है। हमारे लोगों के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक मजबूत हैं और हम आने वाले महीनों में अधिक से अधिक भारतीय आवेदकों को संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा करने और अमेरिका-भारत मित्रता का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर देने के लिए वीजा कार्य की रिकॉर्ड-सेटिंग मात्रा जारी रखेंगे।

राजदूत ने कहा कि मैं आज भारत, भारतीयों और अमेरिका के लिए बेहद खुश हूं। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि आइए वीजा और विदेश मंत्रालय पर तेजी से आगे बढ़ने में बेहतर काम करें। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने हैदराबाद जैसे स्थानों में अधिक निकायों को मंजूरी दी ताकि अधिक लोग इन वीजा पर काम कर सके। हमने अपने सिस्टम को बदल दिया है, हमने कड़ी मेहनत और होशियारी से काम किया है और हमने इस वर्ष दस लाख वीजा आवेदन संसाधित किए हैं।

दूतावास ने बताया कि साल 2022 में संसाधित मामलों की कुल संख्या को मिशन द्वारा पहले ही पार किया जा चुका है। महामारी से पहले यानी 2019 की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक आवेदनों पर वर्तमान में कार्रवाई की जा रही है।

दूतावास ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले साल 12 लाख से अधिक भारतीयों ने संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा किया था। अब दुनिया भर में सभी वीजा आवेदकों में से 10 प्रतिशत से अधिक भारतीय हैं। वहीं छात्र वीजा में भारतीयों का हिस्सा 20 प्रतिशत हो चुका है। H & L श्रेणी के वीजा आवेदकों में यह 65 प्रतिशत है।

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