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अरुणाचल पर भारत के साथ खड़ा हुआ अमेरिका, चीन को दिया कड़ा जवाब

अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलने की चीन की हरकत पर व्हाइट हाउस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता रहा है। अब उसके नाम बदलकर चीन ने अपने क्षेत्र का विस्तार देने का प्रयास किया है, जिसका हम विरोध करते हैं।

Photo by Mayur More / Unsplash

भारत को उकसाने की चीन की ताजा कार्रवाई के जवाब में अमेरिका ने भारत का साथ देने का ऐलान किया है। भारत के अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदलने की चीन की हरकत पर व्हाइट हाउस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग मानता रहा है। अब उसके नाम बदलकर चीन ने अपने क्षेत्र का विस्तार देने का प्रयास किया है, जिसका हम विरोध करते हैं।

भारत भी चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने को सिरे से खारिज कर चुका है।

बता दें कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने रविवार को अरुणाचल के 11 स्थानों के नए नाम जारी किए थे। इस बारे में दैनिक पत्रकार वार्ता में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने पर हम लंबे समय से कायम हैं। इसलिए चीन की ये कार्रवाई उचित नहीं है।

इससे पहले भारत सरकार भी चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने को सिरे से खारिज कर चुकी है। मंगलवार को भारत ने कहा था कि अरुणाचल राज्य भारत का अभिन्न अंग है और 'मनगढ़ंत' नाम देने से यह वास्तविकता नहीं बदलती है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। नए गढ़े हुए नाम देने से वास्तविकता नहीं बदलेगी।

ऐसा पहली बारनहीं है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के अपनी तरफ से नाम रखे हैं। अरुणाचल प्रदेश ने साल 2017 में छह स्थानों के नाम बदले थे। इसके बाद 2021 में 15 स्थानों के नाम जारी किए थे। भारत और चीन के संबंध जून 2020 में लद्दाख सीमा पर हुई खूनी झड़प के बाद से तनावपूर्ण बने हुए हैं। भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते।

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