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POK में अमेरिकी राजदूत की यात्रा का बचाव करते दिखे भारत में दूत गार्सेटी

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले पीओके की अमेरिकी दूत की यात्रा के बाद भारत में विवाद पैदा हो गया था। भारत सरकार का दावा है कि यह क्षेत्र भारत का है और इस क्षेत्र में किसी भी विदेशी प्रतिनिधि की यात्रा सरासर उल्लंघन है।

Photo : @USAmbIndia

पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम की गिलगित और हुंजा घाटियों की यात्रा को एरिक गार्सेटी ने कम महत्व देने का प्रयास किया है। भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने ब्लोम की यात्रा को G20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर गए प्रतिनिधिमंडल से कर दी। यह बैठक 22 से 24 मई 2023 के बीच जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित की गई थी।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले पीओके की अमेरिकी दूत की यात्रा के बाद भारत में विवाद पैदा हो गया था। भारत सरकार का दावा है कि यह क्षेत्र भारत का है और इस क्षेत्र में किसी भी विदेशी प्रतिनिधि की यात्रा सरासर उल्लंघन है।

मंगलवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गार्सेटी ने ब्लोम की इस यात्रा का बचाव करते हुए कहा कि कश्मीर के मुद्दे को दोनों देशों द्वारा हल किया जाना चाहिए। इसमें अमेरिका सहित किसी भी देश का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

आपको बता दें कि पाकिस्तान बलूच लोगों के खिलाफ कड़े कानून लागू कर रहा है और यहां तक कि सरकार की आलोचना करने वाले पोस्ट लिखने पर भी उन्हें सलाखों के पीछे डाला जा रहा है।

हाल ही में 11 अगस्त को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान विरोधी पोस्ट शेयर करने के आरोप में POK की राजधानी मुजफ्फराबाद में कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन में पीटा गया और उनके कार्यों की निंदा करने और सोशल मीडिया पर पाकिस्तान समर्थक बयानों को दोबारा पोस्ट करने के लिए मजबूर किया गया।

बलूच लोग अपने क्षेत्रों में चीनी निवेश का भी विरोध कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि सरकार चीन को नौकरियां और अन्य विकासात्मक परियोजनाएं प्रदान करने दे।

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