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आचार्य लोकेशजी ने धार्मिक नेताओं को दिलाई 'सर्वधर्म समभाव' की शपथ

कार्यक्रम में उपस्थित काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा कि हम सामाजिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पद्धति से अपने धर्म के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम किसी दूसरे धर्म या सम्प्रदाय का सम्मान करें, आलोचना करने का नहीं।

Photo : Ahimsa Vishwa Bharti

दिल्ली के मशहूर धरना-प्रदर्शन स्थल जंतर मंतर पर विश्व शांति दूत आचार्य डॉ. लोकेशजी ने भारत में एकता, शांति और सदभाव को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई। यह कार्यक्रम फाउंडेशन फॉर रिलिजियस हार्मनी एंड यूनिवर्सल पीस (FRHUP) द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें सभी धर्मों के धार्मिक नेता और श्रद्धालू उपस्थित हुए थे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीजी महाराज, FRHUP के मुख्य संरक्षक आर्कबिशप अनिल कौटन उपस्थित थे। इनके अलावा विशिष्ट अतिथियों में विभिन्न धर्मों के गणमान्य जिनमें सिख धर्म के सरदार परमजीत सिंह चंडोक, बहाई धर्म के डॉ. एके मर्चेंट, यहूदी धर्म के रब्बी एजेकील इस्साक मालेकर, बौद्ध धर्म के आचार्य येशी फुंटसोक, ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी प्रवेश राजन छिब्बर भी शामिल हुई थीं।

विश्व शांति दूत आचार्य डॉ. लोकेशजी ने समारोह की अध्यक्षता की और मौजूद सभी धर्मगुरुओं को शपथ दिलाई। Photo : Ahimsa Vishwa Bharti

विश्व शांति दूत आचार्य डॉ. लोकेशजी ने समारोह की अध्यक्षता की और मौजूद सभी धर्मगुरुओं को शपथ दिलाई कि “हम सत्यनिष्ठा और संकल्प के साथ यह शपथ लेते हैं कि हम अपने धर्म के सिद्धांतों के प्रति निष्ठावान और प्रतिबद्ध होते हुए किसी अन्य धर्म की आलोचना नहीं करेंगे। हम किसी भी धर्म के बारे में बुरा नहीं बोलेंगे और न ही हम किसी अन्य धर्म के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली गतिविधि में शामिल होंगे। हमें किसी भी धर्म, विश्वास या संप्रदाय के खिलाफ भेदभाव किए बिना समाज के सभी स्तरों पर न्याय और शांति को बढ़ावा देना चाहिए।”

वहीं कार्यक्रम में उपस्थित काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वतीजी महाराज ने कहा कि हम सामाजिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पद्धति से अपने धर्म के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम किसी दूसरे धर्म या सम्प्रदाय का सम्मान करें, आलोचना करने का नहीं।

इस मौके पर इस अवसर पर सभी धर्मों के धार्मिक नेता और श्रद्धालू उपस्थित हुए थे। Photo : Ahimsa Vishwa Bharti

ऐसे ही FRHUP के महासचिव और वीर चक्र विजेता कर्नल टीपी त्यागी ने कहा कि समारोह का मुख्य उद्देश्य धार्मिक नेताओं को उनकी विशिष्टता और महत्व के साथ सम्मानित करना है जबकि किसी अन्य धर्म की आलोचना नहीं करने का संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि FRHUP ने अपने मिशन के माध्यम से दुनिया भर में सद्भाव, शांति और एकता को प्रमुखता देने का जिम्मा उठाया है।

बता दें कि इस मौके पर इस अवसर पर आयोजक राजीव जॉली खोसला, FRHUP की कार्यकारी सचिव उर्वशी वालिया, FRHUP के वित्त सचिव एवं विशिष्ट अतिथि एडमिरल सनातन कुलश्रेष्ठ, केके गोयल, माया प्रकाश त्यागी, स्वामी संपूर्णानंद चिदाकाशी, ब्रह्म कुमारी आशा तनेजा, जेडएस पीटर, स्वामी अमित देव महाराज, मो. जेड बुखारी, टीटू पीटर, सरदार जेएस रेखी, सरदार केएस कोचर, वीके श्रीवास्तव, पादरी मदन लाल, मुकेश शर्मा, मो. शमीम, मो. सलीमुद्दीन, राहुल विज, मो. मकबूल मलिक, अशोक सचदेवा, डॉ. इंदु जैन, संत श्री अनंत चार्या जी महाराज, सरदार डॉ ओंकार सिंह नरूला, तरुण जैन बावा, रेखा उदित भी मौजूद थे।

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