जनवरी से लीबिया के विद्रोहियों द्वारा बंदी बनाए गए नौ भारतीय नाविकों को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। इन नाविकों की सफल रिहाई में दो व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें एक हैं लीबिया के बेंगाजी में भारतीय स्कूल की प्रिंसिपल तबस्सुम मंसूर और दूसरे हैं ट्यूनिशया में भारतीय राजदूत न्गुलखम जाथोम गंगेट। खुद गंगेट ने रिहाई की जानकारी साझा की है।
प्रिंसिपल तबस्सुम ने कहा कि उन्हें 18 जनवरी 2023 से बंदी बना लिया गया था। आज हमने त्रिपोली में भारतीय राजदूत के आधिकारिक निवास में एक छोटे से समारोह में उनका स्वागत किया। त्रिपोली में भारत का दूतावास वर्तमान में काम नहीं कर रहा है। हालांकि गंगटे लीबिया में प्रभारी हैं। भारतीय नागरिकों को भारतीय दूतावास परिसर के पास एक होटल में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें घर वापस भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
बता दें कि ग्रीक कंपनी मैसर्स रेडविंग्स शिपिंग एसए के माध्यम से भर्ती किए गए नौ भारतीय नाविकों का ये चालक दल माया -1 नामक जहाज पर सवार था। इनका जहाज लीबिया के तट के पास जमींदोज हो गया था, जिसके बाद उन्हें जाविया शहर में अल माया पोर्ट के पास एक स्थानीय सशस्त्र समूह अज जाविया द्वारा बंदी बना लिया गया था।
राजदूत गंगटे ने तबस्सुम मंसूर के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि त्रिपोली से हमने जो भी प्रयास किए उसमें खास प्रगति नहीं हुई। ऐसे में तबस्सुम को सहायता के लिए बुलाने का विचार किया गया। आज मैं पूरी तरह से स्वीकार करना चाहूंगा कि नौ भारतीयों की रिहाई में तबस्सुम का योगदान सबसे अधिक रहा। यह उनके प्रतिनिधि सभा में बेहतर संपर्कों के चलते संभव हो पाया। वह व्यक्तिगत रूप से आईं और उनसे मिलीं।
लीबिया में भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए अपने अटूट समर्पण के लिए जानी जाने वाली तबस्सुम मंसूर ने विद्रोही समूह के साथ बातचीत के जटिल जाल को नेविगेट करने के लिए अपने व्यापक नेटवर्क और कनेक्शन का उपयोग किया। नाविकों की रिहाई हासिल करने में प्रतिनिधि सभा में उनके संपर्क अमूल्य साबित हुए।
नाविकों की रिहाई की खबर से न केवल उनके परिवारों बल्कि लीबिया में पूरे भारतीय समुदाय को भी राहत मिली है। महीनों की कैद और अनिश्चितता को झेलने वाले नौ नाविक अब अपने प्रियजनों के साथ फिर से मिल सकेंगे।
#India #Indian #Libiya #Tunisia #TabassumMansoor #NgulkhamJathomGangte #Indiandiaspora #Indianorigin #Indiaabroad #NewIndiaAbroad