ब्रिटेन में बसे भारतीय प्रवासियों की सफलता के पीछे सबसे बड़ी वजह उनके परिवारों का समर्थन है। इसके अलावा भारतीय प्रवासियों द्वारा सभी बाधाओं का सामना करने को लेकर दृढ़ संकल्प, मजबूत कार्य नीति और भविष्य के लिए आशावादी होना भी उनकी सफलता के प्रमुख कारक हैं। ऐसा हाल ही में लंदन में जारी की गई एक शोध में सामने आया है।

ग्रांट थॉर्नटन के साउथ एशिया बिजनेस ग्रुप ने फिक्की और भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर 'यूके (UK ) में भारत: प्रवासी प्रभाव' कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में ग्रांट थॉर्नटन यूके के पार्टनर और दक्षिण एशिया समूह के प्रमुख अनुज चांडे ने प्रवासी भारतीय के भौगोलिक प्रसार और व्यवसाय से परे इसके योगदान की व्याख्या करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की।
रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में प्रवासी भारतीयों के स्वामित्व वाले सभी व्यवसायों में अकेले सात क्षेत्रों की हिस्सेदारी 84% है। शेष 16% वित्तीय सेवाओं, इंजीनियरिंग और विनिर्माण, पर्यटन और अवकाश, मोटर वाहन और ऊर्जा, और प्राकृतिक संसाधनों में हैं। यह कार्यक्रम शुक्रवार शाम लंदन के इंडियन हाउस बिल्डिंग में हुआ। अनुज चांडे ने जानकारी दी कि भारतीय उद्यमी कई क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जिनमें सबसे लोकप्रिय हॉस्पिटैलिटी, हेल्थकेयर और फार्मास्यूटिकल्स, रिटेल, रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन, फूड एंड बेवरेज, टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम और बिजनेस सर्विसेज हैं।