भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जहां जश्न मना रहा है। इस उपलक्ष्य में कनाडा में भारतीय मूल के लोगों को सम्मानित करने का एक बेहद अनूठा तरीका निकाला गया। यहां एक पुस्तक का विमोचन किया गया जिसमें भारतीय मूल के उन 'रत्नों' की कहानियां हैं जिन्होंने कनाडा की उन्नति में योगदान दिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि उनका देश सौभाग्यशाली है जिसके पास जोश से भरा भारतीय समुदाय है। ओटावा में आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया भी पहुंचे, जिन्होंने इस पुस्तक का विमोचन किया।

'75 ज्वेल्स ऑफ इंडिया - लीडिंग इंडो-कैनेडियन पर्सनैलिटीज' पुस्तक का प्रकाशन न्यूज एजेंसी मनीष मीडिया ने किया। यह अमेरिका से संचालित होने वाली न्यूज एजेंसी है। ओवरसीज फ्रेंड ऑफ इंडिया-कनाडा द्वारा रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग पहुंचे। इनमें वे लोग भी शामिल थे जिनका जिक्र इस पुस्तक में किया गया है।
चूंकि यह अमृत महोत्सव से जुड़ा कार्यक्रम था तो भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने आजादी के बाद से लेकर अब तक की भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस दौरान भारत और कनाडा के बीच रणनीतिक और आर्थिक साझीदारी, और इंडो-कनाडाई मूल के नागरिकों के योगदान पर भी चर्चा की।
At the @AmritMahotsav gala celebration by @oficottawa HC @Ajaybis highlighted the achievements of 🇮🇳 since independence, growing strategic and economic relations between India 🇮🇳and 🇨🇦Canada & the stellar contributions of Indo-Canadians. @HCCanInd
— India in Canada (@HCI_Ottawa) April 24, 2022
उधर, प्रधानमंत्री ट्रुडो ने भी इस पुस्तक के विमोचन पर बधाई दी है। उन्होंने कहा, 'मैं इस किताब में जिन 75 परिवारों का जिक्र है उन्हें विशेष रूप से बधाई देना चाहूंगा। यह भारतीय-कनाडाई मूल के नागरिकों के योगदान का जश्न मनाने का अद्भुत अवसर है।'

ट्रुडो ने कहा, 'कनाडा भाग्यशाली है कि उसके पास जोश से भरा भारतीय समुदाय है। वर्षों से भारतीय कनाडाई नागिरकों ने कनाडा के समाज में बड़ा योगदान दिया है, उन्होंने अपने मूल देश की परंपरा से खुद को जोड़े रखा है, जिसने इस समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को तैयार किया है। भारतीय कनाडाई नागरिक कनाडा में पेशेवर और सामाजिक दोनों ही रूप में फले-फूले हैं, इसकी वजह उनकी महात्वाकांक्षा, धैर्य और कड़ी मेहनत है।'
उल्लेखनीय है कि कनाडा में करीब 12 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं और इनमें से अकेले एक लाख भारतीयों को पिछले साल कनाडा में स्थायी निवासी (पर्मानेंट रेसिडेंट) का दर्जा मिला है।