भारत में 73 प्रजातियां अस्तित्व के गंभीर संकट से जूझ रही हैं। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की एक रिपोर्ट के हवाले से भारत के पर्यावरण मंत्रालय ने यह जानकारी संसद में दी है। बताया गया है कि बीते 10 साल में 26 प्रजातियों पर यह खतरा बढ़ा है। वर्ष 2011 में संकटग्रस्त प्रजातियों की संख्या 47 थी।
IUCN के अनुसार इन 73 संकटग्रस्त प्रजातियों में स्तनधारियों की 9 प्रजातियां, 18 पक्षी, 26 सरीसृप और 20 उभयचर शामिल हैं। संसद को दी गई जानकारी के अनुसार भारत में सितंबर 2011 में स्तनधारियों, पक्षियों, सरीसृपों, मछलियों और उभयचरों की 47 प्रजातियां संकटग्रस्त थीं। IUCN वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और जैव विविधता की स्थिति की निगरानी करता है। IUCN किसी प्रजाति को गंभीर रूप से संकटग्रस्त तब घोषित करता है जब जंगल में उसके विलुप्त होने का खतरा सबसे अधिक होता है।