भारतीय मूल के पांच उभरते वैज्ञानिकों को 2023 के श्मिट साइंस फेलो प्रोग्राम (Schmidt Science Fellows program, Oxford, UK) के लिए चुना गया है। ये हैं साहिल लूंबा, शिल्पा पोथाप्रगदा, कृष्णकांत साबू, सुष्मिता सरकार और श्रीदेवी वेंकटेशन। इन्हें दो साल तक पोस्ट डॉक्टोरल शोध के लिए प्रति वर्ष 100,000 अमेरिकी डॉलर का स्टाइपेंड दिया जाएगा।
श्मिट साइंस फेलो प्रोग्राम श्मिट फ्यूचर्स और रोड्स ट्रस्ट की एक पहल है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिकों और विज्ञान में दिलचस्पी रखने वाले लोगों का एक समुदाय बनाना है। इस फेलोशिप के तहत चुनिंदा छात्रों को दुनिया के मशहूर वैज्ञानिकों के साथ जुड़ने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध लैब में काम करने का अवसर मिलता है।
इस साल फेलोशिप के लिए 32 लोगों का चयन किया गया है, जिसमें पांच भारतीय मूल के हैं। साहिल लूंबा इंपीरियल कॉलेज लंदन के हैं जबकि शिल्पा पोथाप्रगदा हैदराबाद के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से जुड़ी हैं। आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन कर चुके कृष्णकांत साबू इलिनोइस अर्बाना-शैंपेन विश्वविद्यालय में स्टडी कर रहे हैं।
भारत के पूर्वोत्तर इलाके से संबंध रखने वाली सुष्मिता सरकार ने मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी से मास्टर्स किया है। अब पर्ड्यू विश्वविद्यालय में रिसर्च कर रही है। श्रीदेवी वेंकटेशन टोरंटो विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट कर रही हैं। उनके शोध का विषय ब्रेन के दुर्लभ जेनेटिक बीमारियों के लिए खास दवाइयां बनाना है।
श्मिट फ्यूचर्स के सह-संस्थापक और द श्मिट फैमिली फाउंडेशन के प्रेसिडेंट वेंडी श्मिट ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शोधकर्ताओं का यह नया समूह मानव स्वास्थ्य में सुधार के लिए नई वैज्ञानिक खोजों में अहम योगदान देगा। इससे धरती के सिस्टम को संरक्षित और पुनर्स्थापित करने में मदद मिलेगी। श्मिट साइंस फेलो के कार्यकारी निदेशक डॉ. मेगन केन्ना ने कहा कि मानव समाज के रूप में हमारे सामने आने वाली बड़ी चुनौतियों से निपटने में ये समूह अपना अहम योगदान देगा।
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