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दुनिया में पहली बार, 17 साल के भारतीय छात्र ने खोले एंजल फिश के DNA के राज

17 साल के इंदीवर ने बताया कि मेरी मछली मर गई थी। मैंने एंजल फिश के जीनोम को इस उम्मीद के साथ अनुक्रमित करने का फैसला किया कि मैं उस जानकारी के साथ वैज्ञानिक समुदाय में अपना योगदान दे सकूं और शायद अपनी मछली के लिए एक छोटी सी श्रद्धांजलि भी।

इंदीवर मैडिरेड्डी नाम के भारतीय अमेरिकी छात्र ने दुनिया में पहली बार मीठे पानी की एंजल फिश के जीनोम को अनुक्रमित (सीक्वेंसिंग) कर दिखाया है। 'न्यू साइंटिस्ट' के अनुसार इंदीवर सिलिकॉन वैली के एक निजी स्कूल BASIS इंडिपेंडेंट में पढ़ाई कर रहा है। उसने सैंटा क्लारा की बायोक्यूरिअस सामुदायिक प्रयोगशाला में यह कारनामा किया।

17 साल के इंदीवर ने प्रोजेक्ट की अहमियत के बारे में न्यू साइंटिस्ट से बात करते हुए बताया कि मेरी मछली मर गई थी, पर मैं उसे हमेशा के लिए बचाकर रखना चाहता था। इसलिए मैंने एंजल फिश के जीनोम को इस उम्मीद के साथ अनुक्रमित करने का फैसला किया कि मैं उस जानकारी के साथ वैज्ञानिक समुदाय में अपना योगदान दे सकूं और शायद अपनी मछली के लिए एक छोटी सी श्रद्धांजलि भी।

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