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यूएई, यूके और आस्ट्रेलिया को 500 बिलियन डॉलर का निर्यात करेगा भारत!

यूएई, यूके और आस्ट्रेलिया के अलावा भारत की सरकार अन्य देशों और ब्लॉकों के साथ व्यापार सौदों पर बातचीत कर रही है। इनमें ओमान, कनाडा, यूरोपीय संघ, रूस और दक्षिणी अफ्रीकी कस्टम यूनियन भी शामिल हैं, जिसमें बोत्सवाना, लेसोथो, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और स्वाजीलैंड हैं।

Photo by Ian Taylor / Unsplash

भारत की सरकार अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत से मार्च 2023 तक 500 अरब डॉलर के निर्यात के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य के हिस्से के रूप में कई बड़े समझौते करने की तैयार कर रही है। भारत के हिंदूस्तान टाइम्स समाचार पत्र में छपि एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की सरकार 2022 की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (Comprehensive Economic Partnership Agreement— CEPA) करेगी। इसके अलावा यूके के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) और दिसंबर तक ऑस्ट्रेलिया के साथ एक अंतरिम व्यापार समझौता करेगी।

Looking at an aerial shot from a freeway onto a train yard during sunrise facing south.
यूएई को भारत परिष्कृत पेट्रोलियम उत्पाद, खनिज, अनाज, चीनी, फल, सब्जियां, चाय, मांस, समुद्री भोजन, वस्त्र, इंजीनियरिंग, मशीनरी उत्पाद और रसायन निर्यात करता है। Photo by Avi Waxman / Unsplash

यूएई के साथ बातचीत तेज गति से चल रही है। पहले दौर की वार्ता 23-24 सितंबर को नई दिल्ली में संयुक्त अरब अमीरात के व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जायौदी की यात्रा के दौरान हुई थी। युएई के साथ मार्च 2022 में औपचारिक सीईपीए पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य है।

इस समझौते से पांच वर्षों में वस्तुओं में द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर और सेवाओं में 15 अरब डॉलर तक बढ़ाने की उम्मीद है। संयुक्त अरब अमीरात महामारी से पहले भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। 2019-20 में लगभग 59.1 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार यूएई और भारत के बीच हुआ था।

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