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'मिट्टी बचाओ आंदोलन' के लिए सऊदी अरब पहुंचे सद्गुरु, विश्व को यह संदेश देना चाहते हैं

सऊदी अरब 23वां देश था जहां वह इस मिशन के साथ पहुंचे थे। सद्गुरु 11 ​​से 13 मई तक के लिए सउदी अरब आए थे। सद्गुरु की सऊदी अरब यात्रा मिट्टी बचाओ आंदोलन का एक हिस्सा है। सेव सॉयल नाम के इस कार्यक्रम में मिट्टी बचाओ आंदोलन और इसकी प्रासंगिकता के बारे में बात की गई।

विश्व विख्यात भारतीय योगगुरु सद्गुरु (जग्गी वासुदेव) तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे। सद्गुरु की यह यात्रा मिट्टी बचाओ आंदोलन का एक हिस्सा है। सद्गुरु द्वारा स्थापित एक वैश्विक संगठन 'ईशा फाउंडेशन' ने मिट्टी के प्रति जागरुकता बढ़ाने और मिट्टी के कटाव को सर्वोच्च प्राथमिकता के तौर पर रोकने के लिए इस पहल की शुरुआत की है।

इस प्रयास के तहत उनका लक्ष्य यूरोप, मध्य पूर्व और मध्य पूर्व के रास्ते यूके से भारत तक 30,000 किलोमीटर का सफर मोटरसाइकिल से पूरा करना है। सऊदी अरब 23वां देश था, जहां वह इस मिशन के साथ पहुंचे थे। सद्गुरु 11 ​​से 13 मई तक के लिए सउदी अरब आए थे। सद्गुरु ने गुरुवार शाम को रियाद में भारतीय दूतावास में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी, राजनयिक, विभिन्न देशों के राजदूत, पत्रकार, सऊदी नागरिक और विभिन्न देशों के प्रवासी शामिल थे।

सेव सॉयल नाम के इस कार्यक्रम में मिट्टी बचाओ आंदोलन और इसकी प्रासंगिकता के बारे में बात की गई। सद्गुरु द्वारा रचित गीत 'सेव सॉयल' के साथ भारतीय कलाकारों ने कलारीपयत नाम का संगीत नृत्य किया। सद्गुरु ने कार्यक्रम के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आज दुनिया ने मिट्टी के बारे में बात करना शुरू कर दिया है क्योंकि मिट्टी बचाओ ने अलग-अलग संस्कृतियों और देशों में अलग-अलग संदेश के साथ यात्रा की है।

इंडियन स्टार न्यूज के एक सवाल के जवाब में सद्गुरु ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने मिट्टी बचाओ आंदोलन के हिस्से के रूप में 1 अरब डॉलर की सब्सिडी दी थी, जबकि ब्रिटेन और जर्मनी पहले ही इस महीने से सब्सिडी देनी शुरू कर दी है। भारत में मिट्टी बचाओ आंदोलन के लिए भारत सरकार के सहयोग से पहले से ही प्रयास किए जा रहे हैं। सउदी अरब पहुंचने के बाद सद्गुरु ने सउदी अरब के पर्यावरण, जल और कृषि मंत्री व इंजीनियर अब्दुलरहमान बिन अब्दुल मोहसेन अल-फदली और मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL) के महासचिव डॉ.मुहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इसा से भी मुलाकात की थी।

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