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WSO ने कहा, सख्त वीजा नीतियों के चलते 'संकट' में हैं कनाडा के गुरुद्वारे

प्रचारकों को कनाडा आने पर रोक लगाए जाने से उन लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है जो वर्तमान में सेवा कर रहे हैं। इनमें से कई लोग दो साल से भी अधिक समय से अपने परिवार से मिलने के लिए लौट नहीं पाए हैं।

Photo by Agus Dietrich / Unsplash

कनाडा के विश्व सिख संगठन (WSO) का कहना है कि सख्त वीजा नीतियों की वजह से देश के गुरुद्वारे संकट में हैं। संगठन ने इस मसले पर आप्रवास, शरणार्थी एवं नागरिकता मंत्री शॉन फ्रेसर को एक पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया है कि सख्त वीजा नीतियों के चलते पिछले दो साल से सिख प्रचारकों को कनाडा में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।

तेजिंदर सिंह ने कहा कि हम मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि इस समस्या के समाधान के लिए कनाडा के गुरुद्वारों के साथ मिल कर काम करे।

संगठन के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह सिद्धू की ओर से हाल में लिखे गए इस पत्र में कहा गया है, 'हम आपको सख्त आप्रवास नीतियों के परिणामस्वरूप सिख समुदाय और कनाडा के गुरुद्वारों के सामने आ रही समस्याओं को लेकर लिख रहे हैं। हमें पूरे देश के गुरुद्वारों से यह शिकायत मिली है कि नागरिकता एवं आप्रवास मंत्रालय तथा भारत में कनाडा के उच्चायोग की ओर से लागू सख्त नीतियों की वजह से वह कर्माचरियों की कमी से जूझ रहे हैं। इससे उन्हें समुदाय की सेवा करने में भी संघर्ष करना पड़ रहा है। इन नीतियों ने पिछले दो साल से कनाडा में सिख प्रचारकों (धार्मिक कार्यकर्ता) के प्रवेश को भी रोक दिया है। कम शब्दों में कहें तो गुरुद्वारे इस समय संकट में हैं।'

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