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WHO ने भारत की 10 लाख महिला ASHA कार्यकर्ताओं को इसलिए किया सम्मानित

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने आशा कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य की सच्ची चैंपियन हैं। पीएम मोदी ने आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किए जाने के बाद उनकी सराहना की और कहा कि वे स्वस्थ भारत बनाने में सबसे आगे हैं।

भारत की 10 लाख ASHA से जुड़ी हुईं महिला कार्यकर्ताओं को डब्ल्यूएचओ द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने में उनके उत्कृष्ट योगदान और क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए उनके नेतृत्व को लेकर  सम्मानित किया है।

एक्रीडेटिड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट वर्कर्स यानी ASHA का हिंदी में अर्थ भी आशा होता है। ASHA के अंतर्गत भारत में 10 लाख से अधिक महिलाएं काम करती हैं, जो भारतीय समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने और ग्रामीण गरीबी में रहने वाले लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए काम करती हैं। ASHA महिलाओं को डब्ल्यूएचओ ने कोरोना महामारी के दौरान उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मानित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आशा कार्यकर्ताओं को हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित किए जाने के बाद उनकी सराहना की और कहा कि वे स्वस्थ भारत बनाने में सबसे आगे हैं। दूसरी ओर डब्ल्यूएचओ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि भारत की आशा महिला कार्यकर्ता बीमारियों के खिलाफ प्रेग्नेंट मां की देखभाल करने से लेकर बच्चों को सभी बीमारियों से बचाने के लिए उनके टीकाकरण, सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल, उच्च रक्तचाप और तपेदिक का उपचार, पोषण, स्वच्छता और स्वस्थ जीवन के लिए स्वास्थ्य संवर्धन के मुख्य क्षेत्रों में काम करती हैं।

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने आशा कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य की सच्ची चैंपियन हैं जो लोगों के दरवाजे तक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल लाने में मदद करती हैं। उनका काम हमेशा अनुकरणीय रहा है खासकर महामारी के दौरान। मैं वास्तव में इस मान्यता के लिए इन दस लाख से अधिक महिला कर्मचारियों को बधाई देती हूं।

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