एच-1बी वीजा में लॉटरी सिस्टम को लेकर यूएस एजेंसी ने क्यों जताई चिंता

भारत में बड़ी संख्या में लोग अमेरिका जाने की इच्छा रखते हैं। इनमें बड़ी संख्या तकनीकी पेशेवरों और छात्रों की है। हालांकि भारत में अमेरिकी वीजा के लिए इंतजार का बढ़ता समय चिंता का सबब बना हुआ है। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में एच-1बी वीजा के आवेदकों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई जा रही है। वीजा लॉटरी सिस्टम पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा का कहना है कि इस साल कंप्यूटर आधारित लॉटरी में एच-1बी वीजा के लिए 7,80,884 आवेदन आए जो पिछले साल के 4,83,927 आवेदनों से 61 प्रतिशत अधिक है। उससे पहले के साल के 308,613 आवेदनों की तुलना में पिछले साल यह आंकड़ा 57 प्रतिशत अधिक था। वीजा के लिए आवेदनों की संख्या लगातार दूसरे साल बढ़ी है, जिससे 'गंभीर चिंताएं' पैदा हो गई हैं। एजेंसी को आशंका है कि कुछ लोग अनुचित लाभ हासिल करने के लिए प्रणाली में हेरफेर कर रहे हैं।

एजेंसी का कहना है कि हर साल 85,000 लोगों को एच-1बी वीजा के लिए चुना जाता है। ये पेशेवर एजेजॉन, गूगल, फेसबुक और इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्प जैसी प्रौद्योगिकी दिग्गज कंपनियों में काम करते हैं। पिछले साल सरकार ने लॉटरी के माध्यम से चुने जाने वाले पेशेवरों को एक हलफनामे पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया। हलफनामे में उन्हें बताना पड़ता है कि उन्होंने सिस्टम के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश नहीं की है। एजेंसी के मुताबिक पिछले वर्षों की तुलना में आवेदकों की संख्या में बढ़ोतरी ने गंभीर चिंताओं को बढ़ा दिया है। आशंका है कि एक ही लाभार्थी की ओर से कई पंजीकरण जमा करने की कोशिश की गई होगी।

एजेंसी का कहना है कि उसने पिछले दो साल से लॉटरी प्रणाली के आधार पर व्यापक धोखाधड़ी की जांच की है। इसके तहत कई आवेदनों को अस्वीकार कर दिया गया है। एक से अधिक बार आवेदन करने वाले लोगों से जुड़े पंजीकरण की संख्या पिछले साल के 165,180 और एक साल पहले 90,143 से बढ़कर इस साल 408,891 हो गई। एजेंसी का कहना है कि हम पंजीकरण प्रक्रिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि केवल कानून का पालन करने वाले ही एच-1बी आवेदन के पात्र हैं।

गौरतलब है कि एच-1बी वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेश से तकनीकी दक्ष लोगों को नौकरी देने की सुविधा देता है। एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका में तमाम तरह की बहस जारी है। आलोचकों का कहना है कि इनका इस्तेमाल अमेरिकी नागरिकों और कानूनी स्थायी निवासियों को कमजोर करने के लिए किया जाता है।