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पत्नी-बच्ची से रहना पड़ेगा दूर, भारतीय नागरिक को क्यों नहीं दिया गया वीजा?

पत्नी ने ऑस्ट्रेलियाई कोर्ट को बताया कि उन्हें अपनी किशोर बेटी की पर्याप्त देखभाल करने ऑस्ट्रेलिया में अपने पति कांबली की सहायता की आवश्यकता है। न्यायाधिकरण ने माना कि देखभाल के लिए पति का साथ रहना जरूरी है। लेकिन कानून का हवाला देते हुए पति को पार्टनर वीजा देने से इनकार कर दिया।

प्रशासनिक अपील न्यायाधिकरण (AAT) (फोटो : @aat_gov_au)

ऑस्ट्रेलिया ने एक भारतीय नागरिक को कथित तौर पर आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से पार्टनर वीजा देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया निवासी उनकी पत्नी की अपील पर मामला प्रशासनिक अपील न्यायाधिकरण (AAT) के पास पहुंचा। एएटी ने ऑस्ट्रेलिया के आव्रजन, नागरिकता और बहुसांस्कृतिक मामलों (प्रवासन) के मंत्री के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि न्यायाधिकरण ने माना कि पत्नी और अपनी बेटी की देखभाल के लिए पति का साथ में रहना जरूरी है। लेकिन कानून का हवाला देते हुए उन्हें पार्टनर वीजा देने से इनकार कर दिया।

दरअसल एडिलेड में रहने वाली ऑस्ट्रेलियाई निवासी सावंत ने अपने 48 साल के पति कांबली के लिए जीवनसाथी वीजा के लिए आवेदन किया था। इससे पहले 25 नवंबर 2022 को आव्रजन मंत्रालय ने आव्रजन कानून की धारा 501 (1) के तहत आवेदन को इसलिए ठुकरा दिया था क्योंकि उन्होंने चरित्र परीक्षण पास नहीं किया था। 20 मार्च 2023 को मामला अपीलीय न्यायाधिकरण के पास पहुंचा।

न्यायाधिकरण को बताया गया कि कांबली का अमेरिका में एक आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। 2004 में घरेलू हिंसा के मामलों में उन पर आरोप लगाया गया था। कांबली ने इस मामले में अपना दोष स्वीकार कर लिया था। उन्हें 365 दिन कैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि 16 दिनों की सजा काटने के बाद बाकी 349 दिनों की सजा को निलंबित कर दिया गया था। अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें देश छोड़ने का आदेश दिया था। बाद में इस फैसले पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन कांबली ने बाद में अपनी मर्जी से अमेरिका छोड़ दिया था।

कांबली ने ट्रिब्यूनल को बताया कि उन्होंने 2015 से शराब से दूरी बना रखी है और वह कभी भी घरेलू हिंसा में शामिल नहीं रहे हैं। उनकी पत्नी सावंत ने एएटी को बताया कि उन्हें अपनी किशोर बेटी की पर्याप्त देखभाल करने और ऑस्ट्रेलिया में अपने पति कांबली की सहायता की आवश्यकता है। इसके बाद एएटी को बताया गया कि सावंत, कांबली की तीसरी पत्नी हैं। अब उनकी एक बेटी है जो एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं।

तमाम पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने भी माना कि अगर पिता कांबली ऑस्ट्रेलिया में रहे तो यह बच्चे के हित में होगा, लेकिन साथ ही कहा कि ऑस्ट्रेलियाई समुदाय गैर-नागरिकों से ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए ऑस्ट्रेलियाई कानूनों का पालन करने की उम्मीद करता है। न्यायाधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि अगर कांबली को पार्टनर वीजा नहीं दिया जाता है, तो बच्चे के साथ उनका रिश्ता वैसा ही रहेगा और वे भारत में और डिजिटल तरीके से उनसे मिल सकते हैं। लेकिन उन्होंने सावंत के वीजा आवेदन को मंजूरी देने से इनकार करने के पक्ष में फैसला सुनाया।

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