जाति आधारित बिल का विरोध क्यों कर रहे हैं हिंदू संगठन व कारोबारी?

अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत की सेनेट जूडिशियरी कमेटी ने जातिगत भेदभाव बिल को पारित कर दिया है। अब इस बिल के सीनेट में जाने का रास्ता साफ हो गया है। दूसरी ओर कैलिफोर्निया में हिंदू संगठनों की तरफ से विरोध भी तेज हो गया है। भारतीय मूल के कई अमेरिकी ये मान रहे हैं कि जाति को नीति का हिस्सा बना देने से अमेरिका में 'हिंदूफोबिया' (हिंदुओं के प्रति नफरत) की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे बड़े हिंदू संगठनों में से एक विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका से जुड़े प्रमुख हिंदू संगठनों, भारतीय व्यवसाय और मंदिर से जुड़े संगठनों आदि ने प्रस्तावित कैलिफोर्निया जाति विधेयक एसबी 403 का विरोध करते हुए बयान जारी किया है। बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में एशियन अमेरिकन होटल ओनर्स एसोसिएशन (AAHOA) भी शामिल है। यह 20,000 सदस्यों के साथ देश का सबसे बड़ा होटल मालिक संघ है। 600 मंदिरों के संगठन हिंदू मंदिर एग्जेक्युटिव कॉन्फ्रेंस (HMEC), हिंदू बिजनस नेटवर्क (HBN) और हिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव, वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) आदि संगठनों ने इसका विरोध किया है।

प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा गया है कि बिल ‘जाति’ की एक जटिल और व्यापक परिभाषा प्रस्तुत करता है। इस विधेयक में ‘जाति’ की परिभाषा भारतीय उपमहाद्वीप के हर व्यक्ति और उनके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसायों को भेदभाव का संदेह देती है, जिसमें शाकाहार का अभ्यास करने वाले भी शामिल हैं। यह बिल हिंदुओं के खिलाफ उत्पीड़न, भेदभाव, धमकाने और हिंसा को जन्म देगा।

बिल के विरोधियों का कहना है कि यह विधेयक गुमराह करने वाला है और सभी भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देगा। (फोटो : ट्विटर @HinduAmerican )

होटल व्यवसाय से जुड़े एएएचओए के बोर्ड सदस्य कल्पेश जोशी ने कहा कि हम इस बिल के सख्त खिलाफ है। इस बिल के पास होने के बाद अब होटल मालिकों और छोटे दुकानों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जाएंगे, जिससे चुनौतीपूर्ण आर्थिक हालात उत्पन्न होंगे, जिससे राज्य को नुकसान होगा। एशियन अमेरिकन शॉप ऑनर एशोसिएशन के अध्यक्ष विपुल पटेल का कहना है कि यह विधेयक गुमराह करने वाला है और सभी भारतीय अमेरिकियों के खिलाफ पूर्वाग्रह को बढ़ावा देगा।

हिंदू मंदिरों के संगठन एचएपईसी के संयोजक तेजल शाह ने कहा कि बिल के पारित होने से धर्मों की स्वतंत्रता पर हमले को वैधता मिलेगी और हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जाएगा। हिंदू बिजनेस नेटवर्क (HBN) के संयोजक का कहना है कि यदि एसबी 403 पास हो जाता है, तो हिंदू और भारतीय कारोबारियों को राजनीतिक और धार्मिक रूप से प्रेरित मुकदमों से निपटना होगा। हमारा मानना है कि इनमें से कई व्यवसाय तुच्छ मुकदमों से बच नहीं पाएंगे। हम कैलिफोर्निया के सीनेटरों से एसबी 403 को खारिज करने का अनुरोध करते हैं।