ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तानी मुसलमानों ने क्यों कहा, 'मोदी है तो मुमकिन है'
ऑस्ट्रेलिया में मुसलमानों और ईसाइयों सहित विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने मेलबर्न में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। NID फाउंडेशन द्वारा आयोजित विश्व सद्भावना कार्यक्रम में पाकिस्तान से ताल्लुक रखने वालों न न सिर्फ मोदी के कसीदे पढ़े बल्कि उन्होंने यहां तक कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। 23 अप्रैल को आयोजित यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के बंजिल पैलेस में किया गया था।
As leaves of a tree, though diverse, are one at the trunk, so too is the "Religion of Humanity", encompassing values of truth, peace, harmony, pluralism, and unity that underlie all faiths.@NID_Foundation, @Minoritiesfdn is committed to work with Namdhari Sikh society, Australia… pic.twitter.com/u7qK3SjrtN
— Satnam Singh Sandhu (@satnamsandhuchd) April 24, 2023
भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (IMF), NID फाउंडेशन नई दिल्ली और नामधारी सिख सोसायटी के सहयोग से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में कई धार्मिक नेताओं, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, प्रचारकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया था। भारतीय समाचार एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान में लाहौर से ताल्लुक रखने वाले अहमदिया मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य डॉ. तारिक बट ने कहा कि मैं अपनी तरफ से व्यक्तिगत रूप से क्या ही कह सकता हूं। लेकिन मेरे बहुत सारे भारतीय दोस्त हैं और मैंने उन्हें एकजुट होकर कई गतिविधियां करते देखा है। मैं उनकी गतिविधियों का हिस्सा रहा हूं। मुझे लगता है कि अब भारतीय मुसलमान और पाकिस्तानी मुसलमान ज्यादा करीब आए हैं। हम मतभेदों की बजाय ज्यादा समानताएं लाना चाहते हैं। मोदी है तो मुमकिन है।
"Modi hai to Mumkin hai" - This statement coming from a Pakistani Muslim tells you a lot about PM @narendramodi
— Ranjitsinh Chudasama (@bk_chudasama) April 23, 2023
The community respects PM Modi for making #India what it is today, where people of all minorities live together in Harmony & brotherhood pic.twitter.com/HNNsCvk0b1
तारिक बट ने आगे कहा कि पीएम मोदी एक समुदाय को अन्य समुदायों के साथ जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। इससे समाज में सद्भाव और शांति को बढ़ावा मिलेगा। पीएम मोदी के पास वह करिश्मा है जहां लोग उनके धार्मिक झुकाव की परवाह किए बिना उनका अनुसरण कर रहे हैं जो अच्छा है। सद्भावना कार्यक्रम NID फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई एक पहल है जिसमें 'वसुधैव कुटुम्बकम' के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को अपनाया गया है जिसमें पूरी दुनिया को 'एक परिवार' कहा जाता है।
#WATCH via ANI Multimedia | “Modi hai to mumkin hai…” Pakistani Muslims laud PM Modi’s leadershiphttps://t.co/KkqbxrMM27
— ANI (@ANI) April 24, 2023
दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधि कराची से ताहर शाकिर ने कहा कि हमने हाल ही में एक कार्यक्रम किया था, जिसमें मोदी भी खुद आए थे। उन्होंने हमसे एक बात कही थी कि प्लीज बहुत आदरसूचक शब्दों से मत बुलाओ। मैं तुम्हारे घर का एक हिस्सा हूं। यह कार्यक्रम मुंबई में हमारे विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था। मोदी ने फरवरी में कैंपस का उद्घाटन किया था। ताहर ने कहा कि अब हमारे बीच अच्छे संबंध हैं। हमारा समुदाय पीएम मोदी का सम्मान करता है। जब वह आएंगे तो हमारा समुदाय सिडनी में उनका अभिवादन करेगा।
ऐसे ही ऑस्ट्रेलिया के एक अहमदिया मुस्लिम इम्तियाज अहमद नवीद ने भी शांति स्थापित करने में मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मैं जो भी खबरें देखता हूं मुझे लगता है कि वह बहुत मेहनत कर रहे हैं। वह सभी धर्मों को एक मंच पर ला रहे हैं। उनकी प्रगति के बारे में बात कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि क्वाड नेतृत्व शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी मई में ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे।