भारत को एक बड़ी कामयाबी मिली है। ऐसी कामयाबी जिसके बारे में जानकर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसकी अब प्रशंसा हर ओर हो रही है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हिंदी भाषा को अपनी आधिकारिक भाषाओं में शामिल कर लिया है।
संयुक्त राष्ट्र में बहुभाषावाद प्रस्ताव पारित
— PR/Amb T S Tirumurti (@ambtstirumurti) June 10, 2022
➡️ पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख
➡️ बांग्ला, उर्दू का भी उल्लेख
➡️भारत ने 2018 में Hindi@UN की शुरुआत की जिससे हिंदी में संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक पहुँच बढ़ सके
➡️और हिंदी भाषी लोगों में वैश्विक मुद्दों की भी जागरूकता बढ़े pic.twitter.com/HvZI7Xt8IU
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने बताया कि इस साल पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख है। प्रस्ताव में पहली बार बांग्ला और उर्दू का भी उल्लेख है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष 2018 से संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) के साथ साझेदारी कर रहा है और हिंदी भाषा में समाचार और मल्टीमीडिया सामग्री को मुख्यधारा में लाने के लिए अतिरिक्त बजटीय योगदान प्रदान कर रहा है।
#IndiaAtUN
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) June 10, 2022
📺Watch: @ambtstirumurti, Permanent Representative deliver his remarks during consideration of the draft resolution on multilingualism co-sponsored by India ⤵️@MEAIndia pic.twitter.com/vUcmjnM99R
इन प्रयासों के हिस्से के रूप में 'हिंदी @ यूएन' परियोजना 2018 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा में संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक पहुंच को बढ़ाना और दुनिया भर में लाखों हिंदी भाषी आबादी के बीच वैश्विक मुद्दों के बारे में अधिक जागरूकता फैलाना था।
भारतीय दूत ने कहा कि इस संदर्भ में मैं 1 फरवरी 1946 को अपने पहले सत्र में अपनाए गए UNSC के प्रस्ताव 13(1) को याद करना चाहूंगा, जिसमें कहा गया था कि संयुक्त राष्ट्र अपने उद्देश्यों को तब तक प्राप्त नहीं कर सकता जब तक कि दुनिया के लोगों को इसके उद्देश्यों के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि यह अनिवार्य है कि संयुक्त राष्ट्र में बहुभाषावाद को सही मायने में अपनाया जाए और भारत इस उद्देश्य को प्राप्त करने में संयुक्त राष्ट्र का समर्थन करेगा।
बता दें कि अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी और स्पेनिश संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाएं हैं। अंग्रेजी और फ्रेंच संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की कामकाजी भाषाएं हैं। यूएन ने पहली बार माना है कि संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में हिंदी व अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है। भारत के लिए इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।