उच्च शिक्षा के लिए विदेशों के विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों के बीच यूनाइटेड किंगडम सबसे पसंदीदा शीर्ष गंतव्य के रूप में उभर रहा है। भारत में ब्रिटिश उच्चायोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मार्च 2022 तक भारतीय नागरिकों के लिए लगभग 108,000 छात्र वीजा जारी किए गए थे जो पिछले वर्ष की तुलना से लगभग दोगुना (+93%) रहे।
विदेशी छात्रों के लिए यूके में बने यूनिवर्सिटी यूके इंटरनेशनल (UUKi) के निदेशक विविनएन स्टर्न ने बताया कि इस साल स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। यह वास्तव में उत्साहजनक है कि छात्रों ने अपने सपनों के संस्थानों में शामिल होने के लिए अपनी अध्ययन योजनाओं को बंद नहीं किया। कम से कम टीकाकरण अभियान शुरू होने तक काफी अनिश्चितता थी हालांकि अपनी अध्ययन योजनाओं को जारी रखने के लिए यूके के संस्थानों में दाखिला लेने वाले भारतीय छात्रों की संख्या अप्रभावित रही। यूके की हायर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स एजेंसी (HESA) के अनुसार 2020-21 के दौरान 82,000 से अधिक भारतीयों ने यूके के संस्थानों में अध्ययन किया था।
स्टर्न ने भारतीय समाचार पत्र टाइम्स आफ इंडिया को बताया कि हम पिछले कुछ वर्षों में भारतीय छात्रों की प्रतिक्रिया और आवेदनों में अभूतपूर्व वृद्धि को देखकर उत्साहित हैं। वैसे यूके हमेशा भारतीय छात्रों के लिए एक लोकप्रिय विदेशी अध्ययन स्थल रहा है। फिर भी लोकप्रियता में वर्तमान वृद्धि को दोनों देशों के नए प्रयासों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
वहीं ब्रिटिश काउंसिल के भारत में उप निदेशक रोवन कैनेडी ने कहा कि यूके में स्वास्थ्य और यात्रा प्रतिबंध अब हटा दिए गए हैं और शिक्षण और सामाजिक गतिविधियों का सामना करने के साथ कैंपस काफी हद तक सामान्य हो गए हैं। हालांकि विश्वविद्यालयों ने महामारी के दौरान पढ़ाई के अलग-अलग तरीकों को सीखा और ऑनलाइन प्रावधान के कुछ लाभकारी पहलुओं को जारी रखा हुआ है ताकि छात्र उनसे भी मदद ले सकें। इसके अलावा कई अन्य लाभ हैं जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को यूके में छात्र वीजा के साथ दिए जाते हैं। इसमें एक है यूके की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) तक पहुंच जिसके जरिए छात्र बिना किसी अग्रिम लागत के आवश्यक या तत्काल उपचार करवा सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि यूके के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2021 में 12,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने अपनी डिग्री पूरी करने के यूके में ही रहकर अतिरिक्त स्किल्स भी हासिल की और यूके की कंपनियों में काम करते हुए अपना अनुभव भी बढ़ाया। स्टर्न ने टाइम्स को बताया कि भारतीय, नाइजीरियाई और चीनी नागरिकों की संख्या कुल वीजा आवेदन में 58 फीसदी है। आंकड़ें यह भी कहते हैं कि स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद जो विदेशी स्नातक यूके में नौकरी करते हैं वे पांच साल के भीतर अपनी कमाई यूके अधिवासित स्नातकों की तुलना में 20 फीसदी तक बढ़ा लेते हैं।