खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के करीबियों पर पुलिस का शिकंजा, पंजाब में अलर्ट

भारत के पंजाब राज्य में प्रमुख खालिस्तानी समर्थक नेता अमृतपाल सिंह के करीबियों पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। पुलिस का कहना है कि अमृतपाल के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अमृतपाल सिंह समेत कई लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। माहौल बिगड़ने से रोकने के लिए पूरे पंजाब में रविवार दोपहर 12 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।  

खबरें बताती हैं कि पंजाब राज्य के आठ जिलों की पुलिस की करीब 100 गाड़ियों ने लगभग दो घंटे तक अमृतपाल का पीछा किया। लेकिन वह बचकर भाग निकला। मीडिया रपटों के अनुसार मोगा के एसएसपी जे इलेनचेलियन का कहना है कि अमृतपाल के छह साथियों को जालंधर के महतपुर इलाके के पास हिरासत में लिया गया था। इस दौरान अमृतपाल पुलिस से बचकर निकल गया।

बता दें कि अमृतपाल सिंह कट्टर खालिस्तानी समर्थक है। अलग खालिस्तान राज्य के समर्थन में कई बार रैलियां भी कर चुका है। अमृतपाल ने भारत के गृह मंत्री अमित शाह को भी एक बार धमकी दी थी और कहा था कि उनका भी वही हश्र होगा जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 1984 में हुआ था।

एक कार दुर्घटना में दीप सिद्धू की मौत के बाद वारिस पंजाब दे के प्रमुख के तौर पर 4 मार्च 2022 को अमृतपाल को चुना गया था। दुबई से पंजाब लौटे अमृतपाल सिंह के लिए जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव मोगा के रोडे में एक समारोह आयोजित किया गया था। अमृतपाल खालिस्तानी उग्रवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना नायक मानता है। भिंडरावाले की तरह ही कपड़े पहनता है और खुद को उसी तरह पेश करता है।

पिछले महीने 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह के सैकड़ों समर्थकों ने पंजाब के अजनाला में पुलिस थाने को घेर लिया था और जमकर उत्पात मचाया था। दरअसल रूपनगर जिले में चमकौर साहिब के वरिंदर सिंह ने अमृतपाल, लवप्रीत सिंह और उसके 30 समर्थकों के खिलाफ अपहरण और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी।

इसके बाद पुलिस ने लवप्रीत को गिरफ्तार कर लिया। इसी के विरोध में अमृतपाल सिंह अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को लेकर पहुंच गया और थाने पर हमला कर दिया। उग्र भीड़ के पास तलवारें और बंदूक थीं। इस हमले में एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे।