सुचित्रा श्रीनिवास
अमेरिका में 'विवाह मलाई' एक स्वयंसेवक संचालित विवाह समूह है। यह विवाह प्रस्तावों पर काम करने के लिए समान विचारधारा वाले परिवारों को जोड़ता है। आज यह समूह अपनी सेवा के तेरहवें वर्ष में है और प्रति माह लगभग दस शादियों को कराने का दावा करता है। संस्थापक रामा मुरलीधरन कहना है कि शुरुआत में अपने बच्चों के लिए सही जोड़ों की तलाश करने वाले माता-पिता बहुत कम संख्या में हमसे संपर्क करने आते थे। लेकिन अब हमारे पास कई सामने आ रहे हैं और शादी की मांग कर रहे हैं।
रामा के अनुसार, सांस्कृतिक रूप से दुनिया भर के भारतीय प्रवासियों ने सही वर और वधू की तलाश में समान विचार वाले लोगों को जोड़ने के लिए एक मंच की मजबूत जरूरत महसूस की है। और इसी आवश्यकता ने इस समूह को जन्म दिया है।
मैरीलैंड की रहने वाली रामा ने 12 साल पहले एक साधारण एक्सेल शीट पर जानकारी जुटाने और इसे जरूरतमंद लोगों के साथ साझा करने के लिए स्वेच्छा से विवाह मलाई समूह की स्थापना की थी। रामा के मुताबिक इसका लक्ष्य शादी के लिए एक ही आयु वर्ग के लोगों को एक मंच से जोड़ना था।
विवाह मलाई मुख्य रूप से व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से संचालित होता है। इसके सदस्यों की संख्या 2000 से अधिक तक पहुंच गई है। रामा ने कहा कि हमारे सदस्य अमेरिका और न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, सिंगापुर जैसे अन्य देशों से हैं और विभिन्न शहरों में स्वयंसेवक इच्छुक परिवारों के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क बिंदु हैं।
रामा ने बताया कि हम आवश्यकताओं को समझने और न्यूनतम संभव जांच करने के लिए जूम मीट और टेलीफोन सम्मेलन आयोजित करते हैं, जो हमें सही परिवारों से मेल खाने में मदद करते हैं। एक स्वयंसेवी उषा रामलिंगम का कहना है कि एक कारक जो हमें अलग करता है, वह यह है कि प्रत्येक रजिस्टर्ड सदस्य परिवार समूह में किसी न किसी को जानता है। हम मौखिक रूप से काम करते हैं जो हमारी विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
समूह में भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध सदस्य हैं। कई परिवार शिक्षा के तुरंत बाद 20 की उम्र में अपने बच्चों को पंजीकृत करना शुरू कर रहे हैं। यह एक नई प्रवृत्ति है जिसे हम देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा समूह प्रमुख शहरों में नियमित रूप से मिलने-जुलने की योजना बना रहा है ताकि सदस्य एक-दूसरे को जान सकें और मेलजोल बना सकें। उन्होंने कहा इससे पहले शिकागो, पेनसिल्वेनिया और ह्यूस्टन में सफल आयोजन हो चुके हैं। न्यू जर्सी की उषा गणेश का कहना है कि मैंने कुछ साल पहले यह महसूस करना शुरू कर दिया था कि यह सेवा यहां के लोगों के लिए कितनी मददगार हो सकती है।
रामा का कहना है कि जब जीवनसाथी खोजने की बात आती है तो युवा पीढ़ी खुद ही तलाश करना चाहती है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस बारे में उनका नजररिया बदल गया है। वे आज हमारे जैसे मंच से परिचित होने के लिए खुले हैं और परिवारों को संभावित मेलजोल का पता लगाने देते हैं। यह प्रक्रिया आप्रवासी परिवारों को आकर्षित करती प्रतीत होती है। रामा का कहना है कि स्वयंसेवकों का अनौपचारिक समूह विवाह मलाई जल्द ही एक पंजीकृत गैर-लाभकारी संस्था के रूप में काम करेगा, जिसके लिए प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।