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भारतीय मूल के सीनेटर सुहास की अमेरिकी कांग्रेस के लिए दावेदारी

सुब्रमण्यम ने बताया वह कांग्रेस के लिए इसलिए चुनाव लड़ना चाहते हैं क्योंकि वह अपने गृह राज्य में जिस समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं उसकी बहुत परवाह करते हैं।

सुहास खुद को संकटमोचक भी बताते हैं। Image : X@Suhas Subramanyam

वर्जीनिया प्रतिनिधि और राज्य के निर्वाचित सीनेटर सुहास सुब्रमण्यम ने राज्य के 10वें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से अमेरिकी कांग्रेस के लिए चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया है। वर्तमान प्रतिनिधि जेनिफर वेक्सटन अपने वर्तमान कार्यकाल के अंत में सेवानिवृत्त हो जाएंगी। सुहास ने जेनिफर की जगह कांग्रेस से अपनी दावेदारी पेश की है।

भारतीय-अमेरिकी सुहास (37) ने कुछ ही दिन पहले जिला 32 का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी राज्य सीनेट सीट जीती थी। उन्होंने मौजूदा डेमोक्रेट जॉन बेल का स्थान लिया जिन्हे हाल में कैंसर का पता चला और उन्होंने दोबारा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था। इस तरह भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट्स ने वर्जीनिया में अच्छा प्रदर्शन करते हुए राज्य सीनेट में 'नीला बहुमत' बरकरार रखा।

सुब्रमण्यम ने बताया वह कांग्रेस के लिए इसलिए चुनाव लड़ना चाहते हैं क्योंकि वह अपने गृह राज्य में जिस समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं उसकी बहुत परवाह करते हैं। सुहास कहते हैं कि समाज में पिछले कुछ समय में खासा परिवर्तन हुआ है और उसका कुछ असर लोगों पर भी पड़ा है। बकौल सुहास वह राजनीति में शिथिलता और अतिवाद को खत्म करना चाहते हैं। सुहास खुद को संकटमोचक भी बताते हैं।

इससे पहले शानदार प्रदर्शन के दम पर सुहास सुब्रमण्यम ने जिला 32 का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी राज्य सीनेट सीट जीती थी। सुहास पिछले चार वर्षों से प्रतिनिधि सभा में पूर्वी लाउडाउन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अपने काम के दम पर वह एक बार फिर विजेता बनकर उभरे हैं।

सीनेट सीट जीतने के बाद सुहास ने कहा- मैं बहुत आभारी हूं कि लाउडाउन काउंटी के लोग मुझे महासभा में वापस भेज रहे हैं। मैं हमेशा समुदाय के लिए लड़ता रहा हूं और भविष्य में भी यहां के लोगों के लिए अपना संघर्ष जारी रखूंगा।

सुहास की अभियान वेबसाइट के अनुसार वह एक छोटे व्यवसाय के मालिक हैं। सुब्रमण्यम सार्वजनिक शिक्षा के लिए वित्त पोषण में सुधार, स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम करने, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को और कम करने, वोट देने के अधिकार की रक्षा करने, वर्जीनिया में मतपत्र तक पहुंच में सुधार करने और कोविड के बदलते प्रभावों के माध्यम से वर्जिनियावासियों का समर्थन करने में लगे रहे हैं।

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