मेक्सिको बॉर्डर पर सिख युवक से अमानवीयता, वीडियो हुआ वायरल
मेक्सिको में कुछ लोगों द्वारा एक युवक सिख व्यक्ति को बेरहमी से पीटने और उनके साथ अमानवीय तरीके से व्यवहार करने का एक वीडियो सामने आया है। वायरल हो रहे वीडियो को न्यूयॉर्क राज्य सीनेट के पूर्व उम्मीदवार जपनीत सिंह ने भी साझा किया है। इस वीडियो में सिख युवक को दर्द से कराहते हुए और उन्हें निर्वस्त्र कर और बेंत से बुरी तरह से पीटते हुए दिखाया गया है।
Horrible treatment meted out to a Sikh at the Mexican border.
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) April 27, 2023
Last year, the US Border Patrol agents at the Mexico-US border allegedly threw hundreds of turbans belonging to Sikh border crossers in the trash. pic.twitter.com/ZNwZP9zXoT
वीडियो में यह भी दिख रहा है कि कुछ लोग सिख व्यक्ति को अपने पैरों से मार रहे हैं। पीड़ित शख्स को अपने हाथ जोड़ते हुए और अपने हमलावरों को रोकने का अनुरोध करते हुए देखा जा सकता है, लेकिन हमलावर कोई रहम करते नहीं दिख रहे हैं और उन्हें लगातार पीटा जा रहा है। अब तक पीड़ित शख्स की पहचान नहीं हो पाई है। आशंका जताई जा रही है कि वह मेक्सिको सीमा के माध्यम से अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
वीडियो को साझा करते हुए जपनीत सिंह ने कहा कि यह एक बहुत ही चिंताजनक मामला है। सिंह ने वीडियो में ह्यूमन राइट्स वॉच को टैग किया, जिससे उन्हें युवक के साथ किए गए व्यवहार के बारे में जानकारी दी जा सके। सिंह ने कहा कि यह सिर्फ इस भाई के बारे में नहीं है। यह उन सभी भाइयों और बहनों के बारे में भी है जिन्हें हमने खो दिया है और इस प्रकार के जोखिम के कारण हम कुछ और को खो देंगे। हमें इस मामले में एक-दूसरे से बात करना और उन्हें शिक्षित करना होगा। इस वीडियो पर टिप्पणी करते हुए लोगों ने प्रवासियों के साथ व्यवहार करने के तरीके पर नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि अवैध प्रवासियों को इतना प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए जितना कि वीडियो में दिखाई दे रहा है।
अवैध प्रवास के दौरान युवाओं के साथ ऐसी अमानवीयता की घटनाएं सामने आती रही हैं। वर्ष 2016 में भारत के पंजाब के एक युवक ने भी मेक्सिको के माध्यम से अमेरिका में प्रवेश करते समय सामना की गई परेशानियों को दर्ज किया था। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) का आकलन है 2014 से अब तक अमेरिका या यूरोपियन यूनियन के देशों में पहुंचने के चक्कर में 50 हजार से अधिक आप्रवासी या तो मारे गए हैं या लापता हैं।