USISPF के टैक्स कॉन्क्लेव में नई वैश्विक कर व्यवस्था पर व्यापक चर्चा
यूएस-इंडिया टैक्स फोरम यानी USISPF ने बहुपक्षीय ग्लोबल टैक्स डील को लेकर हाल ही में नई दिल्ली में एक टैक्स कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस आयोजन में दिग्गज विशेषज्ञ शामिल हुए। इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि किस तरह अंतरराष्ट्रीय टैक्स व्यवस्था में ये बदलाव दुनिया में कारोबार का तरीका बदल सकते हैं।
USISPF's Tax Conclave featured enriching discussions on the Global Tax Deal, with insights from leading international tax experts from government and industry. Our thanks to Mr Tarun Bajaj, @RasmiRDas @PSaintAmans, Mr. Akhilesh Ranjan, @mukeshbutani, and @NaveenA88911580. pic.twitter.com/IXBC2ZOzwA
— US-India Strategic Partnership Forum (@USISPForum) March 6, 2023
ये कॉन्क्लेव ऐसे समय आयोजित हुई, जब भारत की जी20 अध्यक्षता में जी20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बेंगलुरु में अहम बैठक हो रही थी। इस बैठक में भी दो-स्तंभ वाली अंतर्राष्ट्रीय कर व्यवस्था के तेजी से कार्यान्वयन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई गई। उम्मीद जताई गई कि ये व्यवस्था 2023 की पहली छमाही से लागू हो सकती है।
कॉन्क्लेव में पास्कल सेंट-अमांस ने कहा कि भारत को बाकी चीजों से पहले कर निश्चितता प्रदान करने पर ध्यान लगाना चाहिए क्योंकि इस बारे में उसका रिकॉर्ड ठीक नहीं है। मेरा मानना है कि लोगों को छूट देने के बजाय ये ज्यादा बेहतर तरीका है क्योंकि छूट बाद में पैसे की बर्बादी ही साबित होती है।
वित्त मंत्रालय के पूर्व राजस्व सचिव तरुण बजाज ने दुनिया भर में क्रिप्टो करंसी पर टैक्स लगाने की भारत की पहल का जिक्र किया। साथ ही समावेशी ढांचे में भारत की भूमिका की चर्चा करते हुए बातचीत और आम सहमति बनाने में योगदान पर भी प्रकाश डाला। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के पूर्व सदस्य और प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी के सलाहकार अखिलेश रंजन ने भी कहा कि क्षेत्रीय समूहों में वृद्धि के साथ बदली दुनिया में आम सहमति के महत्व पर जोर दिया।
रश्मि रंजन दास ने कहा कि कुछ लोग सोच सकते हैं कि भारत, अमेरिका और सऊदी अरब पिलर-1 को अवरुद्ध कर रहे हैं, लेकिन सभी जी20 राष्ट्र इस पर व्यापक रूप से सहमत हैं। पिलर 2 पर भारत की चुप्पी सोचा समझा फैसला है। ये ध्यान रखना चाहिए कि भारत कभी भी पिलर 2 के खिलाफ नहीं था।
सम्मेलन में USISPF के अध्यक्ष और सीईओ डॉ मुकेश अघी ने कहा कि टैक्स एक ऐसा मुद्दा, अवसर और चुनौती है जिस पर आगे चर्चा की आवश्यकता है। कारोबार में सुगमता भारत सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रही है। पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका-भारत टैक्स फोरम ने व्यापार अनुकूल माहौल बनाने और निवेशकों को मौजूदा बारीकियों को समझने में मदद के लिए काम किया है।
यूएस-इंडिया टैक्स फोरम की निदेशक श्वेता कथूरिया ने कहा कि यूएस इंडिया टैक्स फोरम के कॉन्क्लेव के माध्यम से हमने प्रस्तावित वैश्विक कर व्यवस्था पर गहरा नजरिया प्राप्त किया है। बहुपक्षीय कर संधि पर बातचीत अब काफी हद तक ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) द्वारा अपनाए गए दो-स्तंभ वाले दृष्टिकोण पर केंद्रित है। भारतीय और वैश्विक दोनों दृष्टिकोणों को समझने के लिए यह कॉन्क्लेव काफी व्यावहारिक साबित हुई।