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कई अवरोधों के गिर जाने का प्रतीक है शालिना कुमार का अमेरिकी जज बनना

व्हाइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि शालिना को दीवानी और फौजदारी दोनों ही तरह के मामलों का अनुभव रहा है। इसके अलावा शालिना कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं। वह वर्ष 1997 से 2007 तक निजी प्रैक्टिस करती रहीं। शालिना को अब तक कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

अमेरिकी जजों की फेहरिस्त में एक और भारतीय जज का नाम शामिल हो गया है। भारतीय मूल की जज शालिना कुमार को फेडेरल बेंच ऑफ ऑकलैंड काउंटी सर्किट कोर्ट का चीफ जज बनाया गया है। अमेरिकी सीनेट ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन ने इस साल जून महीने में शालिना कुमार का नाम प्रस्तावित किया था। शालिना मिशिगन कीा फेडरल जज बनने वाली न सिर्फ पहली भारतीय हैं, बल्कि वह पहली एशियाई हैं जो इस पद तक पहुंची हैं।

अमेरिकी सभासद गैरी पीटर्स और डेबेई स्टाबेनो उन सभासदों में से हैं जिन्होंने जज शालिना के पक्ष में वोटिंग की। इसके साथ ही 39 दूसरे डेमोक्रेट सभासदों के अलावा अलास्का की रिपब्लिकन लिसा मुरकोवस्कि और सुसान कोलिंस ने भी समर्थन में मतदान किया। निर्दलीय अंगुस किंग ने भी शालिना के पक्ष में अपने वोट दिए। 31 सभासद जिन्होंने वोट नहीं दिया उनमें सात डेमोक्रेट्स हैं, 25 रिपब्लिकन और एक निर्दलीय शामिल हैं।

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