अमेरिका में 'हीरो' क्यों बन गए नील कात्याल, ओबामा ने भी की तारीफ
अमेरिका में भारतीय मूल के एक वकील नील कात्याल को नेशनल हीरो और सच्चे देशभक्त के रूप में सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने हाल में ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक संवैधानिक मामले में जीत हासिल की है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह शायद अमेरिका के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण संवैधानिक मामला है।
Today, the Supreme Court rejected the fringe independent state legislature theory that threatened to upend our democracy and dismantle our system of checks and balances.
— Barack Obama (@BarackObama) June 27, 2023
नील कात्याल ने कोर्ट में वॉचडॉग ग्रुप कॉमन कॉज की पैरवी की, जिसके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 से फैसला सुनाया। कोर्ट ने अपने फैसले में चुनाव नियमों को निर्धारित करने के लिए अदालतों पर राज्य विधानसभाओं की प्रधानता को खारिज कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक पुराने कानून का सपोर्ट कर रहे थे।
This Article is the first to write about what really happened yesterday in Moore v Harper. All our supposed allies, including the Biden Administration's Justice Dept, tried to get rid of the case, telling the Court they couldn't decide it. We stood alone.
— Neal Katyal (@neal_katyal) June 28, 2023
We were right. If the… pic.twitter.com/AHmraLd4sf
मूर बनाम हार्पर मामले में अदालत के फैसले ने अमेरिका के चुनाव कानूनों में आमूल-चूल बदलाव का रास्ता बंद कर दिया है। इसमें राज्य विधानमंडलों को थोड़ी निगरानी के साथ संघीय चुनावों के लिए नियम निर्धारित करने का अधिकार दिया गया था। इस तथाकथित स्वतंत्र राज्य विधानमंडल सिद्धांत को रिपब्लिकन प्रभुत्व वाले उत्तरी कैरोलिना विधानमंडल ने आगे बढ़ाया था।
तीन उदारवादी न्यायाधीशों ने तीन कंजरवेटिव्स के साथ मिलकर इस सिद्धांत को खारिज कर दिया है। उन्होंने फैसला सुनाया कि अमेरिकी संविधान, राज्य के विधायी कार्यों को राज्य के अदालतों की समीक्षा से अलग नहीं करता है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र राज्य विधायिका सिद्धांत को खारिज कर दिया जो हमारे लोकतंत्र और संतुलन की हमारी प्रणाली के लिए खतरा था।
50 वर्षीय नील कात्याल के बारे में बताएं तो उन्होंने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष किसी भी अल्पसंख्यक वकील से कहीं ज्यादा मामलों (लगभग 50) में बहस की है। उन्होंने प्रसिद्ध थर्गूड मार्शल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कात्याल की मां बाल रोग विशेषज्ञ हैं जबकि पिता इंजीनियर हैं। कात्याल ने डार्टमाउथ कॉलेज से पढ़ाई की है और येल से कानून की डिग्री पाई है।
नील वर्तमान में लॉ फर्म होगन लोवेल्स में पार्टनर हैं। वह जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून पढ़ाते हैं। वह विश्वविद्यालय में सबसे कम उम्र में प्रोफेसर बनने वाले शख्स हैं। उन्होंने हार्वर्ड और येल लॉ स्कूलों में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दी हैं। कात्याल ने एक्टिंग भी की है। उन्होंने नेटफ्लिक्स के हाउस ऑफ कार्ड्स और शोटाइम के बिलियन्स में कैमियो भूमिकाएं निभाई हैं।
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