Skip to content

हिटलर का प्रतीक और स्वास्तिक एक नहीं, पहली बार धर्मगुरुओं ने उठाई आवाज

उद्घोषणा में कहा गया कि स्वास्तिक संस्कृत का शब्द है और शांति व भलाई का पवित्र प्रतीक है। इस प्रतीक की तुलना हिटलर के हाकेनक्रूज के साथ किए जाने से दो अरब से अधिक हिंदुओं, बौद्ध, जैनों, अमेरिकियों आदि की भावनाएं आहत होती हैं।

तानाशाह हिटलर के नाजी प्रतीक 'हाकेनक्रूज' और हिंदू स्वास्तिक को लेकर अक्सर ये सुनने को मिलता है कि ये दोनों एक ही हैं। अब अमेरिका में पहली बार बौद्ध, हिंदू और अमेरिकी आध्यात्मिक नेताओं ने एकजुट होकर इसके खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने दुनिया से दोनों के बीच अंतर को पहचानने और मान्यता देने की अपील की है।

कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) के प्रमुख निकुंज त्रिवेदी ने कहर कि 1940 में मूल अमेरिकी जनजातियों ने गलत जानकारियों की वजह से स्वास्तिक प्रतीक का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था।

धर्माचार्यों की बैठक के बाद जारी स्वास्तिक उद्घोषणा में कहा गया है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने कभी अपने प्रतीक को स्वास्तिक नहीं कहा। हिटलर ने उसे हमेशा 'हाकेनक्रूज' कहा जिसका मतलब टंगा हुआ क्रॉस होता है।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest