भारत सुरक्षित देशों की सूची में शामिल, इसके पीछे क्या है ब्रिटेन का मकसद?

ब्रिटेन सरकार ने भारत को सुरक्षित देशों की विस्तारित सूची में शामिल करने की योजना पेश की है। इससे देश से अवैध रूप से यात्रा करने वाले भारतीयों की वापसी की प्रक्रिया तेज हो जाएगी और ब्रिटेन में शरण मांगने की उनकी संभावना पर भी असर पड़ेगा। ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन का कहना है कि हमें मौलिक रूप से सुरक्षित देशों से ब्रिटेन की खतरनाक और अवैध यात्रा करने वाले लोगों को रोकना होगा। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसके क्या मायने हैं।

सुरक्षित देशों की सूची में भारत को शामिल करने का मतलब है कि ब्रिटेन सरकार देश को आम तौर पर सुरक्षित, स्थिर और व्यापक मानवाधिकारों के हनन से मुक्त मानती है। जिससे ब्रिटेन में शरण मांगने की संभावना कम हो जाती है। नतीजतन, अवैध रूप से देश से यात्रा करने वाले भारतीयों के पास ब्रिटेन में शरण मांगने की संभावना कम हो जाएगी। जानकारों का कहना है कि यह एक ऐसा कदम जो देश के अवैध प्रवासियों के लिए शरण के अधिकारों को प्रभावी ढंग से सीमित करता है।

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को घोषित इस फैसले का उद्देश्य आव्रजन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और सीमा नियंत्रण उपायों को बढ़ाना है।भारत के अलावा ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने जॉर्जिया को भी सुरक्षित राज्यों की अपनी सूची में शामिल करने का फैसला किया है। यूके द्वारा सुरक्षित समझे जाने वाले अन्य देशों में अल्बानिया और स्विट्जरलैंड, साथ ही यूरोपीय संघ (ईयू) और यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (ईईए) राज्य शामिल हैं।

दअसल, ब्रिटिश गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले एक साल में ब्रिटेन में भारत और जॉर्जिया से छोटी नौकाओं के आगमन में बढ़ोतरी देखी गई है, जिसने सरकार को इन देशों से शरण चाहने वालों के प्रति अपने दृष्टिकोण का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया है।

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन का कहना है कि इस सूची का विस्तार करने से हम उन लोगों को तेजी से हटा सकेंगे जिन्हें यहां रहने का कोई अधिकार नहीं है। इससे यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि यदि आप अवैध रूप से यहां आते हैं, तो आप यहां नहीं रह सकते। हम अपने अवैध प्रवासन अधिनियम में उपायों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अवैध प्रवास के खिलाफ लड़ाई में एक भूमिका निभाएगा।

ब्रिटेन के इस प्रस्ताव के लागू होने से पहले अब संसद के दोनों सदनों में बहस के माध्यम से सामान्य तरीके से संसदीय जांच से गुजरना होगा। नवीनतम उपाय अवैध प्रवासन अधिनियम 2023 के अंतर्गत आते हैं, जिसका उद्देश्य कानून में बदलाव करके 'नौकाओं को रोकना' है ताकि अवैध रूप से ब्रिटेन आने वाले लोगों को हिरासत में लिया जा सके और फिर तेजी से अपने गृह देश में लौट सकें।