Skip to content

भारतीय मूल के जोड़े का तलाक रद्द, यूके की अदालत ने दिया फैसला

न्यायाधीश ने कहा कि 11 फरवरी 2020 को सेवा प्रपत्र की स्वीकृति पर केवल रंधावा के कथित हस्ताक्षर फर्जी हैं। ये हस्ताक्षर या तो पति ने खुद किए गए या उसकी ओर से करवाए गए थे।

ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय मूल के एक जोड़े के संबंध-विच्छेद (तलाक) को खारिज कर दिया है। न्यायाधीश ने फैसला दिया कि पत्नी को तलाक की कार्यवाही के नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी क्योंकि 12 साल पहले उसके हस्ताक्षर जाली थे। इन पति पत्नी के नाम रचपाल रंधावा और केवल रंधावा हैं।

दोनों का विवाह अगस्त 1978 में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के स्लो में एक रजिस्ट्री कार्यालय में हुआ था। विवाह के समय रचपाल की उम्र 19 और केवल की 16 वर्ष थी। रचपाल ने साल 2010 में इस आधार पर तलाक के लिए आवेदन दायर किया था कि साल 2009 में दोनों के बीच अलगाव हो गया था और वह खुद एक अन्य महिला सतविंदर कौर के साथ रहने लगे थे।

This post is for paying subscribers only

Subscribe

Already have an account? Log in

Latest