दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति के साथ मिलकर करोड़ों का घपला करने के आरोपी भारतीय मूल के दो भाइयों का प्रत्यर्पण करने से यूएई ने इनकार कर दिया है। दक्षिण अफ्रीका ने दुबई से दोनों को प्रत्यर्पित करने का आग्रह किया था ताकि उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सके। दुबई कोर्ट ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया। इस पर दक्षिण अफ्रीका सरकार ने हैरानी और निराशा जताई है।
एक जमाना था जब अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता की दक्षिण अफ्रीका में तूती बोला करती थी। आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करके कई अनुबंध हासिल किए और सरकारी संपत्तियां हड़प लीं। उन पर कैबिनेट नियुक्तियों तक को प्रभावित करने का आरोप है। हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जुमा और गुप्ता परिवार अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इनकार करता रहा है।
गुप्ता भाई मूल रूप से भारत के सहारनपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आईटी, मीडिया और खनन उद्योगों का साम्राज्य खड़ा किया था। वह उस समय अफ्रीका में जूते की दुकान शुरू करने के लिए आए थे, जब नेल्सन मंडेला को 27 साल की राजनीतिक कैद के बाद रिहा किया गया था।
दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स पर भारी पैमाने पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। आरोपों में घिरने के बाद राष्ट्रपति जुमा को पद से हटा दिया गया था। जुमा के हटने के बाद गुप्ता परिवार पर शिकंजा कसना शुरू हुआ, तब गुप्ता परिवार दुबई भाग गया था।
पिछले साल जून में दुबई में दोनों भाइयों की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद अफ्रीकी सरकार ने यूएई में उनके प्रत्यर्पण के लिए याचिका दायर की। दक्षिण अफ्रीका के न्याय मंत्री रोनाल्ड लामोला ने शुक्रवार को बताया कि यूएई ने गुप्ता ब्रदर्स को मुकदमे का सामना करने के लिए दक्षिण अफ्रीका भेजने का उसका अनुरोध ठुकरा दिया है। लमोला ने कहा कि यूएई द्वारा अनुरोध अस्वीकार करने से उनकी सरकार हैरान और निराश है।