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H-1B वीजा नियमों को सख्त करने का प्रस्ताव, भारतीयों को हो सकती है परेशानी?

इस विधेयक को लाने का उद्देश्य एच-1बी कामगारों के लिए वीजा की वैधता एक साल करने का है, जिसकी वर्तमान में अवधि तीन साल की है। माना जा रहा है कि अगर इस प्रस्तावित विधेयक को अनुमति मिल जाती है तो भारतीय कामगारों और छात्रों के लिए नियम काफी कठिन हो सकते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में आप्रवासन संबंधी एक नए विधेयक में एच-1बी (H-1B) वीजा प्रोग्राम में और कड़े मानदंडों की सिफारिश की गई है। इस वीजा प्रोग्राम का उपयोग कंपनियां उच्च-कौशल वाले श्रम में अंतराल को दूर करने के लिए करती हैं। यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में प्रस्तावित 'दि अमेरिकन टेक वर्कफोर्स एक्ट 2021' में ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (OPT) को समाप्त करने की बात कही गई है क्योंकि इससे अधिकतर बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को ही फायदा होता है।

रिपब्लिकन अध्ययन समिति के चेयरमैन जिम बैंक्स ने बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को जवाबदेह ठहराने के लिए समिति की पहल के एक हिस्से के रूप में इस विधेयक को पेश किया। इसे कानून बनाने के लिए सदन और फिर सीनेट की अनुमति आवश्यक होगी। बैंक्स ने एक बयान में कहा कि बड़ी कंपनियां अमेरिका में कुछ सबसे आकर्षक करियर अवसरों को अलग कर रही हैं और विदेशियों को दे रही हैं। वह कुछ पैसे बचाने के लिए अमेरिकी लोगों को अलग कर रही हैं।

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