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मस्तिष्क से जुड़ी है सूंघने की क्षमता, शोध में चौंकाने वाला खुलासा

अध्ययन के वरिष्ठ लेखक हैं प्रोफेसर जयंत एम पिंटो। पिंटो ने अपने साथियों के साथ 515 बुजुर्ग लोगों को लेकर लंबे समय तक अध्ययन किया और उस अध्ययन के निष्कर्ष उन 60 लाख अमेरिकियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं जो अल्जाइमर से ग्रस्त हैं और जिसका अब तक कोई इलाज भी नहीं है।

Photo by Richárd Ecsedi / Unsplash

इंद्रियों की सक्रियता का सीधा संबंध मानव स्वास्थ्य और निर्विकार दीर्घायु से है। किसी भी इंद्री की शिथिलता स्वास्थ्य के साथ उम्र पर भी असर डालती है। चिकित्सा विज्ञान भी समय-समय पर इसकी पुष्टि करता रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की एक खोज नाक के मस्तिष्क से संबंध का खुलासा करने वाली है।

अध्ययन के वरिष्ठ लेखक हैं प्रोफेसर जयंत एम पिंटो।

अध्ययन से पता चला है कि सूंघने की शक्ति में कमी अल्जाइमर औऱ डिमेंशिया का संकेतक हो सकती है। यानी सूंघने की शक्ति में कमी मस्तिष्क के उन तंतुओं को प्रभावित कर सकती है जिनसे डिमेंशिया या अल्जाइमर का पता चलता है।

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