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पाकिस्तान में सिखों की हत्या पर सरकार हुई सख्त, भारत ने भी जताया विरोध

पेशावर और इसके आसपास के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में कम से कम 500 सिख परिवार रहते थे। हाल के वर्षों में सैकड़ों सिख आतंकवादी हमलों और लक्षित हत्याओं के डर से पाकिस्तान या भारत के अन्य हिस्सों में चले गए हैं। पेशावर में पिछले आठ महीने में सिख समुदाय पर इस तरह का यह दूसरा हमला है।

पाकिस्तान में अज्ञात हथियारबंद द्वारा हाल ही में दो सिख व्यापारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक रणजीत सिंह (42) और कुलजीत सिंह (38) का खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत के पेशावर जिले के सरबंद इलाके के बटाताल बाजार में मसाले और किराना का कारोबार था।

भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों समुदाय को लगातार निशाना बनाए जाने पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने पाकिस्तान से सिख व्यापारियों की नृशंस हत्या की ईमानदारी से जांच करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को लगातार निशाना बनाए जाने पर पाकिस्तान के सामने कड़ा विरोध दर्ज किया है।

पुलिस घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि सबूत जुटाए जा सकें और आरोपियों तक पहुंचा जा सके।

वहीं पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) के अध्यक्ष अमीर सिंह ने इस हमले को साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि मृतक अपनी दुकानों पर थे, तभी बदमाशों ने आकर उन पर गोलियां चला दीं। दोनों पीड़ित अपने परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जो इस तरह के अपराधों में लिप्त होकर सिखों और मुसलमानों के भाईचारे को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करती हैं। मैं खैबर पख्तूनख्वा अधिकारियों से आरोपियों को गिरफ्तार करने और कड़ी कार्रवाई करने की अपील करता हूं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घटना की निंदा की है और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को दोषियों को तत्काल गिरफ्तारी और सजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। महमूद खान ने पुलिस प्रमुख एजाज खान को आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि हमें केपीके अधिकारियों पर पूरा भरोसा है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस जांच कर रही है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही न्याय होगा। पुलिस घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि सबूत जुटाए जा सकें और आरोपियों तक पहुंचा जा सके।

बता दें कि पेशावर में पिछले आठ महीने में सिख समुदाय पर इस तरह का यह दूसरा हमला है। पिछले साल सितंबर में सिख हकीम (यूनानी चिकित्सक) सतनाम सिंह (खालसा) की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा 19 अप्रैल को पूर्व पीएसजीपीसी अध्यक्ष मस्तान सिंह के बेटों पर भी भू माफियाओं ने श्री ननकाना साहिब में हमला किया था। वहीं साल 2020 में न्यूज चैनल के एंकर रविंदर सिंह की हत्या, 2018 में सिख समुदाय के प्रमुख सदस्य चरणजीत सिंह को गोली मारी गई और 2016 में पीटीआई नेशनल असेंबली के सदस्य सोरेन सिंह की हत्या कर दी गई थी। बता दें कि पेशावर और इसके आसपास के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में कम से कम 500 सिख परिवार रहते थे। हाल के वर्षों में सैकड़ों सिख आतंकवादी हमलों और लक्षित हत्याओं के डर से पाकिस्तान या भारत के अन्य हिस्सों में चले गए हैं।

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