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IIT समेत भारत के बड़े विश्वविद्यालय ब्रिटेन में अपने केंद्र खोलेंगे!

मौजूदा वक्त में ज्यादा भारतीय छात्र यूके आते हैं लेकिन बहुत कम यूके के छात्र भारत में अध्ययन करना चुनते हैं। 2020-21 में 53,000 भारतीय छात्र पढ़ने के लिए यूके आए थे और केवल 173 ब्रिटिश छात्र भारत उच्च शिक्षा के लिए गए।

Photo by Manohar Manu / Unsplash

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं। यह उनकी नई​ शिक्षा नीति की सिफारिशों में से एक है। यही वजह है कि दिल्ली और लंदन के बीच इन दिनों बातचीत चल रही है कि भारत के प्रमुख विश्वविद्यालय और आईआईटी के आउट पोस्ट ब्रिटेन में खोले जाएं ताकि ब्रिटिश छात्रों तक इनकी पहुंच बन सके। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा मंत्री मिशेल डोनेलन ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि हमारे दरवाजे हमेशा IIT के लिए खुले हैं जो इस देश के लिए एक जबरदस्त संपत्ति हो सकती है। उच्च शिक्षा में आपसी सहयोग ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूती और दोस्ती का एक बड़ा स्रोत है।

यूके में भारत के उच्चायुक्त गायत्री कुमार ने एक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन वेबिनार में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रतिष्ठित विदेशी संस्थानों को भारत में अपने संस्थानों की शाखाएं स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। हमने पिछले हफ्ते ही यूके में कैंपस खोलने की अपने आईआईटी की इच्छा को साझा किया है। भारत चाहता है कि उसके साथी भारत को शिक्षा के लिए एक बाजार से अधिक समझें क्योंकि हम अंतरराष्ट्रीय ज्ञान संबंध बनाना चाहते हैं। हम एक प्राचीन कहावत में विश्वास करते हैं कि ज्ञान ही एकमात्र धन है जिसे साझा करने पर देने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों को समृद्ध करता है।

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