भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहते हैं। यह उनकी नई शिक्षा नीति की सिफारिशों में से एक है। यही वजह है कि दिल्ली और लंदन के बीच इन दिनों बातचीत चल रही है कि भारत के प्रमुख विश्वविद्यालय और आईआईटी के आउट पोस्ट ब्रिटेन में खोले जाएं ताकि ब्रिटिश छात्रों तक इनकी पहुंच बन सके। ब्रिटेन के उच्च शिक्षा मंत्री मिशेल डोनेलन ने इस मसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि हमारे दरवाजे हमेशा IIT के लिए खुले हैं जो इस देश के लिए एक जबरदस्त संपत्ति हो सकती है। उच्च शिक्षा में आपसी सहयोग ब्रिटेन और भारत के बीच मजबूती और दोस्ती का एक बड़ा स्रोत है।
Our door is always open to the Indian Institutes of Technology, which could be a tremendous asset to this country. Mutual cooperation in Higher Education is a great source of strength and friendship between the UK and India. @HCI_London @JoJohnsonUK https://t.co/r4LCTPq3Ha
— Michelle Donelan MP (@michelledonelan) February 14, 2022
यूके में भारत के उच्चायुक्त गायत्री कुमार ने एक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन वेबिनार में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रतिष्ठित विदेशी संस्थानों को भारत में अपने संस्थानों की शाखाएं स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। हमने पिछले हफ्ते ही यूके में कैंपस खोलने की अपने आईआईटी की इच्छा को साझा किया है। भारत चाहता है कि उसके साथी भारत को शिक्षा के लिए एक बाजार से अधिक समझें क्योंकि हम अंतरराष्ट्रीय ज्ञान संबंध बनाना चाहते हैं। हम एक प्राचीन कहावत में विश्वास करते हैं कि ज्ञान ही एकमात्र धन है जिसे साझा करने पर देने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों को समृद्ध करता है।