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बुकर प्राइज के लिए पहली बार ​शॉर्टलिस्ट हुआ हिंदी उपन्यास 'Tomb of Sand'

साल 2022 के इस अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में महिलाओं का वर्चस्व दिखाई दे रहा है। पुरस्कार के लिए शार्टलिस्ट की गईं किताबें महिला लेखकों की हैं। यह छह अलग अलग किताब अलग अलग भाषा में अनुवाद की गई हैं और अलग अलग देश से इनकी उत्पत्ति हुई है।

हिंदी शीर्षक की किताब 'सैंड का मकबरा' पहली बार अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में जगह बनाने में कामयाब हुई है। इस किताब को पांच अन्य कोरियाई, नॉर्वेजियन, जापानी, स्पेनिश और पोलिश भाषा में छपी किताब के साथ चुना गया है। साल 2022 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता की घोषणा आज रात लंदन के वन मैरीलेबोन में एक समारोह में की जाएगी।

अन्य शॉर्टलिस्ट की गई पुस्तकों के साथ 'टॉम्ब ऑफ सैंड' Photo : Booker Prize

मणिपुर में जन्मी भारतीय लेखिका गीतांजलि द्वारा लिखित गई इस किताब का अंग्रेजी में अनुवाद अमेरिकी लेखक डेजी रॉकवेल ने किया है। इस किताब को द लंदन बुक फेयर में फ्रैंक वाईन ने लॉन्च किया था। यह किताब उत्तर भारत की एक 80 वर्षीय महिला की कहानी पर आधारित है, जो अपने पति की मौत के बाद डिप्रेशन में चली जाती है। बाद में वह फिर से खुद को मजबूत बनाती है और एक ऐसी महिला के रूप में खुद को बदल जाती है जो बाद में बड़े मुकाम हासिल करती है।

इस सम्मान की खबर सुनने के बाद किताब की लेखिका डॉ. गीतांजलि श्री ने कहा कि मैं एक भाषा और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हूं। यह मान्यता विशेष रूप से हिंदी साहित्य की पूरी दुनिया और समग्र रूप से भारतीय साहित्य को व्यापक दायरे में लाती है।

लेखक गीतांजलि श्री अनुवादक डेजी रॉकवेल के साथ। Photo : Booker prize

बता दें कि साल 2022 के इस अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में महिलाओं का वर्चस्व दिखाई दे रहा है। पुरस्कार के लिए शार्टलिस्ट की गईं किताबें महिला लेखकों की हैं। यह छह अलग अलग किताबें अलग अलग भाषा में अनुवाद की गई हैं और अलग अलग देश से इनकी उत्पत्ति हुई है। गीतांजलि श्री की 'टॉम्ब ऑफ सैंड' का मुकाबला बोरा चुंग की 'कर्सड बनी', जॉन फॉसे की 'ए न्यू नेम सेप्टोलॉजी VI-VII', मिको कावाकामी की 'हेवन', क्लाउडिया पिनेरो की 'एलेना नोज' और ओल्गा टोकारजुक की 'द बुक्स ऑफ जैकब' से है।

ज्ञात हो कि बुकर पुरस्कार के अनुसार लेखक और अनुवादक के योगदान को समान रूप से मान्यता दी जाती है। साथ ही 50,000 पाउंड यानी 50 लाख रुपये का पुरस्कार उनके बीच समान रूप से विभाजित किया जाता है। इसके अतिरिक्त शॉर्टलिस्ट किए गए लेखकों और अनुवादकों को 2,500 पाउंड यानी ढाई लाख रुपये मिलेगा जो पिछले वर्षों में 1,000 पाउंड यानी 1 लाख रुपये से बढ़ा है।

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