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तीन भारतीय अमेरिकियों को प्रतिष्ठित ब्रिटिश एकेडमी ने फैलोशिप के लिए चुना

ब्रिटिश एकेडमी की स्थापना सन 1902 में हुई थी और तब से यह कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्रों में प्रतिभाशाली लोगों को फैलोशिप प्रदान कर रही है।

सुकांता चौधरी, गायत्री चक्रवर्ती और प्रताप भानु मेहता (फोटो क्रेडिट- द क्विंट)

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रताप भानु मेहता, कोलंबिया यूनिवर्सिटी की गायत्री चक्रवर्ती स्पिवक और जादवपुर यूनिवर्सिटी के सुकांता चौधरी को ब्रिटिश एकेडमी में कॉरेस्पोन्डिंग फैलो चुना है। इन तीनों भारतीय अमेरिकयों को अपने क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए यह सम्मान मिला है। एकेडमी ने इस बार सामाजिक विज्ञान, मानविकी और कला में 84 नए साथियों के योगदान को मान्यता दी है। एकेडमी ने इसकी घोषणा पिछले दिनों की है।

प्रमुख रूप से यह फैलोशिप यूके के विश्वविद्यालयों के लोगों को दी गई। इनमें 29 लोग यूएस, भारत, ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, रूस, आयरलैंड गणराज्य और अन्य देशों के विश्वविद्यालयों से भी चुने गए। Photo by Vadim Sherbakov / Unsplash

प्रमुख रूप से यह फैलोशिप यूके के विश्वविद्यालयों के लोगों को दी गई। इनमें 29 लोग यूएस, भारत, ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस, रूस, आयरलैंड गणराज्य और अन्य देशों के विश्वविद्यालयों से भी चुने गए। ब्रिटिश एकेडमी की अध्यक्ष जूलिया ब्लैक ने चुने गए लोगों की उपलब्धि की सराहना की। ब्लैक ने कहा, "हमारे नए साथी अपने विषयों के मूल्य को मूर्त रूप देते हैं और इस उपलब्धि के लिए सभी को हार्दिक बधाई।" ब्रिटिश एकेडमी की स्थापना सन 1902 में हुई थी और तब से यह कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी के क्षेत्रों में प्रतिभाशाली लोगों को फैलोशिप प्रदान कर रही है।

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