गेट्स कैंब्रिज की तरफ से 23 अमेरिकी छात्रों को स्कॉलरशिप दी गई है। इनमें से तीन छात्राएं भारतीय मूल की हैं। इनमें निशिता दत्त कैंब्रिज के सेंट कैथेरिन कॉलेज से मेडिसिन पर अध्ययन करेंगी। जीव विज्ञान में पीएचडी की छात्रा माया जुमान कैंब्रिज के सेलवन कॉलेज में वेटरनरी मेडिसिन पर शोध करेंगी। इसके अलावा अंजलि कंथारुबन चर्चिल कॉलेज में भाषा विज्ञान से एमफिल करेंगी।
निशिता दत्त ने बड़े मानसिक आघात झेले हैं। लेकिन इन आघातों ने उन्हें संबल दिया और जीवन में कुछ करने के लिए प्रेरित किया।
दरअसल निशिता के परिवार की एक करीबी सदस्य स्तन कैंसर की शिकार हो गईं। इस पीड़ा ने उन्हें झकझोर दिया। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय (जेएचयू) में स्नातक से पहले की पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक चैनल शुरू किया। इसमें वह रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान और गणित को लेकर अपनी जानकारी साझा करने लगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान इन विषयों को लेकर उनकी समझ ज्यादा विकसित हो गई। इसके बाद उन्होंने इसे जारी रखा। केमिकल और बायो मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग की स्नातक की पढ़ाई के दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि इंजीनियरिंग और मेडिसिन पर अपनी अर्जित योग्यता के दम पर वह कीमोथेरेपी की पद्धति पर काम करेंगी जो कैंसर के रोगियों की पीड़ा को कम कर सकती है। अपने पीएचडी प्रोग्राम के दौरान उनका इरादा कैंसर के मरीजों के लिए दवाई पर शोध करना है।