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वैज्ञानिक प्रतिभा से भरपूर हैं भारतीय मूल के तीन छात्र, शीर्ष 10 में बनाई जगह

सोसाइटी फॉर साइंस की अध्यक्ष और सीईओ माया अजमेरा ने कहा, राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा के विजेता भविष्य के लिए आशा देते हैं। मैं उन्हें उनकी जबरदस्त सफलता के लिए बधाई देती हूं। दो साल बाद हम अगली पीढ़ी के वैज्ञानिक प्रतिभाओं के साथ इकट्ठा हुए हैं।

भारतीय मूल के तीन अमेरिकी छात्रों को अमेरिका की प्रतिष्ठित राष्ट्रीय विज्ञान प्रतिभा खोज के शीर्ष दस विजेताओं में चुना गया है। इनमें वाशिंगटन से 18 साल के नील चौधरी, सेंट्रविल वर्जीनिया की 17 साल की प्रवालिका गायत्री और कैलिफोर्निया के 17 साल के नील राठी शामिल हैं। इन्हें क्रमश: 5वां, 7वां और 8वां स्थान मिला है। यह प्रतियोगिता 15 मार्च को आयोजित की गई थी। वैसे तो यह प्रतियोगिता हर साल आयोजित होती है। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से 2019 के बाद इस साल प्रतियोगिता का आयोजन वाशिंगटन डीसी में किया गया।

सेंट्रविल वर्जीनिया की 17 साल की प्रवालिका गायत्री 

17 साल की क्रिस्टीन ये ने हाई स्कूल सीनियर्स के लिए इस प्रतियोगिता में शीर्ष पुरस्कार जीता है। भारतीय मूल के तीनों छात्रों सहित फाइनल में पहुंचे 40 छात्रों को एक पुरस्कार समारोह के दौरान सम्मानित किया गया। इनकी परियोजनाओं की वैज्ञानिक दक्षता, समस्या-समाधान की असाधारण क्षमताओं और वैज्ञानिक बनने की उनकी क्षमता के आधार पर सभी का मूल्यांकन किया गया था।
प्रतियोगिता में शामिल नील चौधरी को कोलन (मलाशय) कैंसर में हिस्टोन प्रोटीन की भूमिका का अध्ययन करने के लिए एक कंप्यूटर मॉडल बनाने की खातिर 90,000 डॉलर का पुरस्कार दिया गया।  

वाशिंगटन से 18 साल के नील चौधरी

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